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राज्य के विभिन्न स्थानों में बंद पड़े लौह अयस्क माइंस को चालू किया जाना चाहिए -आलोक दत्ता

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: राज्य के पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित नोवामुंडी प्रखंड के समाजसेवी आलोक दत्ता ने गुआ दौरे के क्रम में राज्य के विभिन्न स्थानों में बंद पड़े लौह अयस्क माइंस को चालू किए जाने की मांग चंपाई सोरेन की झारखंड सरकार से की है। समाजसेवी आलोक दत्ता ने झारखंड राज्य में बढ़ती हुई बेरोजगारी की समस्या पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य के विभिन्न स्थानों में बंद पड़े माइंस का खुलना अत्यन्त आवश्यक बताया।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अगर वैज्ञानिक तरीके से पश्चिम सिंहभूम व राज्य के विभिन्न स्थानों से लौह अयस्क की निकासी माइनिंग कर की जाती है, तो काफी मात्रा में लौह अयस्क का निष्कासन संभव है । उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा जो आदेश दिया गया है, उसे राज्य के विभिन्न स्थानों का उत्खनन कार्य प्रभावित हो रहा है ।केंद्र सरकार माइनिंग अधिनियम में संशोधन करके जितने भी 50 वर्ष पूरा हो चुका माइंस को नीलामी की प्रक्रिया में ले चुकी है।राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में नीलामी नहीं किए जाने एवं अपने अधीन रख माइनिंग करने की प्रक्रिया की मुहिम चला रही है एवं इसके लिए योजनाबद्ध तरीकों को अपनाया जा रहा है ।इस वजह से माइंस ऑनर परेशान हैं, परिणाम स्वरूप बेरोजगारी बढ़ती जा रही है । विगत छह सालों की माईंस बंदी से झारखंड के कोने कोने से बेरोजगारी ने पैर फैलाना शुरू कर दिया है ।भारी संख्या में नवयुवक बेरोजगार हो गए हैं ।उन्हें काम मिलना चाहिए, बंद पड़े खदान को जल्द से जल्द चालू किया जाना चाहिए। वर्तमान चिंतनीय स्थिति की जांच होनी चाहिए। वर्तमान झारखंड सरकार की रॉयल्टी बंद खदानों की वजह से प्रभावित हो रही है ।राजस्व का नुकसान होना सरकार को आर्थिक नुकसान का संकेत है । भारी वाहनों जुड़े लोगो की स्थिति दयनीय होती जा रही है ।पूर्ण राज्य के करीब 35,000 हजार लोगों के बेरोजगार होने की पुष्टि सरकारी आंकड़ों के द्वारा की गई है ।माइनिंग खुलने चाहिए स्थानीय लोगो को शत प्रतिशत नौकरी मिलनी चाहिए ।

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