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कांग्रेस ने जारी किया मेनिफेस्टो, पेंशन में वृद्धि सहित मुख्य बातें जानिए

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां जोरो शोरो से तैयारियों में जुट गई है। पार्टियों का मेनिफेस्टो जारी करने का सिलसिला भी शुरू हो चुकी है। इसी बीच कांग्रेस ने आज पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने घोषणा पत्र जारी किया है। आम चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने ‘पांच न्याय और 25 गारंटी’ के वादों के साथ घोषणा पत्र जारी किया है। इसमें 30 लाख सरकारी नौकरी का वादे के साथ पेंशन में वृद्धि की बातें कही है।

घोषणापत्र में पार्टी के पांच न्याय
‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- को शामिल किया गया है।

पेंशन में होगी वृद्धि
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत सीनियर नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान 200 रुपये से 500 रुपये प्रति माह है। कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस इस राशि को बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि स्वास्थ्य देखभाल के लिए 25 लाख रुपये तक कैशलेस बीमा का राजस्थान मॉडल अपनाया जाएगा। कांग्रेस का वादा है कि पार्टी अपने कर्तव्यों का पालन करते वक्त डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को अपराध बनाने के लिए एक कानून पारित करेगी।

30 लाख नौकरी का वादा

पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। उसने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है।

घोषणा पत्र पर डालें एक नजर

– कांग्रेस के घोषणा पत्र के मुताबिक इसमें करीब 10 लाख नौकरियां, गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपये सालाना, जाति जनगणना, एमएसपी को कानूनी मान्यता, मनरेगा मजदूरी को 400 रुपये करने और सरकारी संस्थाओं के दुरुपयोग रोकने का ऐलान किया गया है।
– कांग्रेस ने ऐलान करते हुए कहा कि जातियों और उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित की जाएगी। आंकड़ों के आधार पर सकारात्मक कार्रवाई के एजेंडे को मजबूत किया जाएगा।
– एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी।
– आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत का आरक्षण बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों के लिए लागू किया जाएगा।
– एक साल के अंदर एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों की सभी बैकलॉग रिक्तियों पर भर्ती।
– कांग्रेस सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में नियमित नौकरियों की संविदा व्यवस्था को खत्म कर देगी।

– घर-निर्माण, व्यवसाय शुरू करने और संपत्ति खरीदने के लिए एससी और एसटी को संस्थागत ऋण बढ़ाया जाएगा।
– भूमि सीमा अधिनियम के तहत गरीबों को सरकारी भूमि और अधिशेष भूमि के वितरण की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी।
– एससी और एसटी समुदायों से संबंधित ठेकेदारों को ज्यादा सार्वजनिक कार्य कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए पब्लिक खरीद पॉलिसी का दायरा बढ़ाया जाएगा।
– ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की धनराशि दोगुनी की जाएगी, खासकर हाइयर एजुकेशन के लिए। एससी और एसटी छात्रों को विदेश में पढ़ने में सहायता और उनके लिए पीएचडी करने के लिए स्कॉलरशिप की संख्या दोगुनी की जाएगी।
– गरीबों, एससी और एसटी छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों का एक नेटवर्क बनाया जाएगा और इसे हर ब्लॉक तक बढ़ाया जाएगा।

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