Regional

“सरहुल पर्व पर राज्यपाल का भावुक भाषण: प्रकृति की महत्वता पर जोर”

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:माननीय राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज सरहुल पर्व के अवसर पर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग, राँची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘सरहुल महोत्सव’ के अवसर पर समस्त राज्यवासियों को सरहुल को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि मानव एवं प्रकृति का अन्योन्याश्रय संबंध है। सरहुल का वास्तविक अर्थ वृक्षों एवं प्रकृति की पूजा करना है।

इस पर्व में यह संदेश निहित है कि प्रकृति के बिना मानवजाति का अस्तित्व नहीं है।


राज्यपाल महोदय ने कहा कि सरहुल हमारे राज्य के अहम त्यौहारों में से एक है जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व जनजाति समुदाय तक ही सीमित नहीं है, इसे सभी समुदाय के लोग पूर्ण उमंग के साथ मनाते हैं।

यह उत्सव सभी के मध्य आपसी भाईचारे के भावना को और सुदृढ़ करता है।

उन्होंने कहा कि सरहुल मानवजाति को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है। आज जहाँ पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना कर रहा है, वहीं सरहुल जैसे पर्व के संदेश अत्यंत सार्थक है। उन्होंने सभी को आगामी पर्व ‘रामनवमी’ की बधाई व शुभकामनाएं दी।

Related Posts