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बाइक की टक्कर में एक मौत,दूसरा व्यक्ति सवार गंभीर रूप से घायल

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:चतरा जिला स्थित इटखोरी-चौपारण मुख्य मार्ग में शिवकरण लाल पेट्रोल पंप के समीप दो बाइक की टक्कर में एक बाइक पर दो व्यक्ति सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना देर शाम तकरीबन 7:30 बजे की है। इस घटना में सोनिया बलिया गांव के 46 वर्षीय लक्ष्मण सिंह एवं उनके मित्र धमक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। ये दोनों एक हीं बाइक पर सवार होकर इटखोरी चौक से उक्त पेट्रोल पंप समीप अपने गुमटी की ओर जैसे मुड़े वैसे पिछे की ओर से आ रहे एक अनियंत्रित बाइक सवार ने इन्हें जोरदार टक्कर मार दिया। घटना के बाद इन्हें पास के सुआब्या डायग्नोस्टिक सेंटर में भर्ती कराया गया। यह निजी अस्पताल इटखोरी सामुदाईक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सव डॉ अजित कुमार का है। यहां से 108 एम्बुलेंस सेवा से धमक सिंह को तत्काल इटखोरी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे गहन चिकित्सा के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल रेफर कर दी। जिसकी स्थिति बेहतर बताई जा रही है। वहीं दूसरे गंभीर रूप से घायल लक्षमण सिंह को डॉ अजित ने पैसे की मांग को लेकर रेफर नहीं किया। इस बीच लक्ष्मण सिंह के मुंह और नाक कान से काफी ब्लड बहने लगा। इसके बाद उनके परिजन उक्त चिकित्सक से उसे यथाशीघ्र रेफर करने की विनती करने लगे। मगर यहां के चिकित्सक एवं कर्मचारियों ने उनसे पैसे देने के बाद उसे छोड़ने की बात पर अड़ गए। इस बीच दोनों पक्षों के बीच कहा सुनी में काफी देर हो गयी। बाद में उसके परिजन किसी तरह उसे हजारीबाग सदर अस्पताल की ओर ले जा रहे थे।

इसी बीच आधे रास्ते में लक्ष्मण सिंह की मौत हो गई। इसके बाद वे लोग शव लेकर उक्त क्लीनिक के बाहर पहुंचे और देर रात तक हो हंगामा करने लगे। बाद में इसकी सूचना पाकर घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस पहुंची। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को काफी देर तक समझाया। इसके बाद मामला शांत हुआ। फिर पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चतरा सदर अस्पताल भेज दी।

पोस्टमार्टम के बाद पुलिस शव को मृतक के परिजनों को सौंप दिया। अंत में शव का अंतिम संस्कार गांव के हीं शमशान घाट पर कर दिया गया। मृतक अपने पीछे दो पुत्र, एक पुत्री एवं पत्नी समेत भरा पूरा परिवार छोड़कर दुनिया से रुखसत हो गया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस को बताया कि सड़क दुर्घटना घायल लक्ष्मण सिंह डॉ अजीत कुमार के निजी अस्पताल में घंटो तड़पता रहा। मगर वे घायल को पैसे के वजह से घंटो तक छुट्टी नहीं दी। जिसके कारण हजारीबाग ले जाने के दौरान उनकी रास्ते में मौत हो गई। अगर वे सही समय से घायल को रेफर कर दिए होते तो उनकी जान बच जाती। इधर डाॅ अजीत कुमार ने बताया कि ग्रामीणो के द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। एंबुलेंस आने के बाद घायल को तुरंत।

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