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झारखंड मुक्ति मोर्चा उलगुलान पार्टी से पश्चिम सिंहभूम पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने लोक सभा चुनाव लडने की घोषणा की जन समस्याओं के निराकरण एवं पीड़ितों का हक दिलाने के लिए चुनाव लडेंगे पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ———————– वर्तमान चल सरकार के कारनामें चुनौती देने योग्य है – कृष्णा मार्डी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:झारखंड मुक्ति मोर्चा उलगुलान पार्टी सुप्रीमो सह पश्चिम सिंहभूम पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने घोषणा करते हुए कहा पश्चिम सिंहभूम से आगामी लोक सभा चुनाव लड़ेंगे तथा आगामी 24अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे ।उन्होंने कहा कि सत्र 1991 से 1996 तक पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए सांसद रह चुके हैं ।वर्तमान में जन समस्याओं के निराकरण एवं पीड़ितों का हक दिलाने के लिए उन्होंने चुनाव लड़ने की मंशा बनाई है ।पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने बताया कि क्षेत्र के किरीबुरु, मेघाहातुबुरु,गुवा, चाईबासा, चिड़िया एवं मनोहरपुर में हजारों बेरोजगार लोगों की नियुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई है ।

सेल क्षेत्र में करीब 1500 लोगों की स्थाई नियुक्ति कराई है ।वर्तमान में जो सरकार चल रही है उसके कारनामे चुनौती देने योग्य है ।विधानसभा एवं लोकसभा की कई अप्रिय कार्यकलापों ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अग्रसर किया है ।


बालू गिट्टी का मामला हो अस्तित्व बचाओं की लड़ाई झारखंड व केन्द्र सरकार पूरी तरीके से असफल रही है।
उलगुलान झामुमा पार्टी विस्थापन की समस्या से साथ-साथ पुनर्वासकी समस्या को हल कर नियुक्ति दिलाई है ।झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (उलगुलान) के संस्थापक सह पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी के अनुसार मजदूरो की समस्याओं के निराकरण व हल करने को लेकर उनके पार्टी का गठन हुआ है ।उन्होंने कहा कि झारखण्ड की वर्तमान सरकार की स्थिति काफी दयनीय है। झारखण्ड बनने के 24 वर्षों बाद एक गैर आदिवासी को छोड़कर 10 आदिवासी मुख्यमंत्री बने, लेकिन सिर्फ कागजों पर हीं आदिवासियों का विकास हुआ। राज्य की तस्वीर नहीं बदली। धरातल पर कुछ नहीं हुआ।


झारखण्ड सरकार ने 1932 का खतियान लाकर 1964 के खतियान धारियों को हीं सारी सुविधाओं से वंचित कर झारखण्ड के आदिवासी व मूल निवासियों को बांटने व हक से वंचित करने का काम किया। नियोजन निति समेत अन्य लाभ 1964 खतियान धारी को नहीं मिल पायेगा। इस कानून में बदलाव लाकर 1964 को भी शामिल किया जाना चाहिए। पश्चिम सिंहभूम में मानकी मुंडा व्यवस्था है, पेशा कानून को भी सरकार ने लागू नहीं कर पाया है। जिससे झारखण्ड के आदिवासियों व मूलवासियों को भारी नुकसान हो रहा है। झामुमो गठबंधन की सरकार ने नियोजन को पुरी तरह बंद कर दिया है। झारखण्ड व पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र की तमाम खदानों को बंद कर बेरोजगारों को सड़कों पर लाकर एक प्रकार से कटोरा पकडा़ दिया है। बालू घाट की नीलामी नहीं कर माफिया राज लाकर लूट मचाया है। बालू व कोयला की लूट खुलेआम हो रही है। सेल, टाटा स्टील व अन्य खदानों में स्थानीय लोगों के बजाय बाहरी को नौकरी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोग लडा़ई लड़कर झारखण्ड अलग राज्य लिये। शिबू सोरेन तो आंदोलन को हीं बेच दिये थे। आगे कृष्णा मार्डी ने कहा कि हमने 1992 में 542 लोगों को सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु में, चिडि़या खदान में 700, गुवा में 200 लोगों का ऐतिहासिक नियुक्ति कराया। उन्होंने तुगलकी फरमान देने का आरोप लगा राज्य की जनता को पुलिस प्रशासन द्वारा भयादोहन किए जाने की निंदा की है ।अंततः समस्याओं के निराकरण हेतु चुनाव लड़ राज्य एवं देश में सुधार के लिए अपने आप को समर्पित करने की घोषणा की है।

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