कोयना नदी में करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से बैल की मौत
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सारंडा स्थित छोटानागरा पंचायत अन्तर्गत जामकुंडिया गांव के समीप कोयना नदी में 11 हजार वोल्ट का करंट प्रवाहित बिजली तार टूटकर पानी में गिरने से बडा़ हादसा टला। इस दुर्घटना में सारंडा पीढ़ के मानकी सह जामकुंडिया गांव निवासी लागुडा़ देवगम का बैल की करंट लगने से मौत हो गई। मानकी लागुडा़ देवगम एवं मुंडा कुशो देवगम ने बताया की जामकुंडिया और राजाबेडा़ गांव के बीच से कोयना नदी गुजरी है।
इस नदी का पानी में 11 हजार वोल्ट का करंट प्रवाहित तार टूटकर गिरा हुआ था। जब गांव का बैल नदी में पानी पीने गया तो करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि जहां यह घटना घटी है वहां दोनों गांव के ग्रामीण, महिलाएं व बच्चे स्नान, कपड़ा-बर्तन धोने अथवा नदी पार पर एक-दूसरे गांव आना-जाना करते हैं। लेकिन घटना के समय कोई नहीं था। अगर घटना के समय ग्रामीण नदी में रहते तो करंट की चपेट में आकर कइयों की मौत अथवा बडा़ हादसा हो सकती थी।
इन्होंने कहा कि बिजली विभाग को ऐसे स्थानों पर सुरक्षा के उपाय अर्थात नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक बिजली तार पार हुआ है वहाँ करंट प्रवाहित तार के नीचे जाली डाल देना चाहिए ताकि तार टूटने पर भी वह जाली में हीं फंसा रह जाये। जिससे जानमाल की नुकसान नहीं पहुंचे।