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डीएवी गुवा में ग्रीन डे के अवसर पर नन्हे मुन्हे बच्चों को पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया गया हरित दिवस प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा का संदेश देता है -प्राचार्य उषा राय नन्हे -मुन्ने बच्चों ने मौसमी फलों एवं सब्जियां की रूप बना लच्छेदार गीतों के साथ सुंदर नृत्य – गीत की प्रस्तुति दी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा की प्राचार्य उषा राय ने डीएवी गुवा में कक्षा नर्सरी से कक्षा द्वितीय तक के 300 बच्चों एवं उनके अभिभावकों को हरित दिवस की महत्ता बताते हुए कही कि
हरित दिवस प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारे प्रेम को दर्शाता है।

हम अपने पर्यावरण का ख्याल रखते हुए इसकी रक्षा करनी चाहिए।हरा रंग प्रकृति, उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक है।


आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य उषा ने बच्चों एवं अभिभावकों को बताया कि बच्चों की आयोजित हरित दिवस, उनके जीवन में एक नया परिवर्तन एवं मन में पर्यावरण के प्रति अगाध प्रेम को उत्सर्जित करेगा।

ग्रीन डे अर्थात हरित दिवस के अवसर पर स्कूल के प्राचार्या उषा राय की अध्यक्षता में करीब 300 स्कूली कक्षा नर्सरी से कक्षा द्वितीय बच्चे सुंदर आकर्षक हरे परिधान में शिक्षकों के साथ सजे धजे दिखे । इस अवसर पर स्कूल के अभिभावकों अपने बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए स्कूल के शिक्षिकाएं एवं बच्चे काफी उत्साहित दिखे ।इस अवसर पर नन्हे -मुन्ने बच्चों ने मौसमी फलों एवं सब्जियां की रूप बना लच्छेदार गीतों के साथ सुंदर नृत्य – गीत की प्रस्तुति दी । नन्हे मुन्ने बच्चों की फैंसी ड्रेस से भी ज्यादा आकर्षक रहने के कारण हरित दिवस कार्यक्रम ने सबों का मन मोह लिया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के वरीय शिक्षक पीके आचार्या एवं शिक्षिका रौशन कुमारी ने कहा कि बच्चों के माध्यम से पर्यावरण रक्षा का जो संदेश दिया गया वह अनुकरणीय एवं प्रेरणादायक है। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कंप्यूटर शिक्षिका ज्योति गिरी ने कहा वर्तमान परिवेश में सब को स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन लेने की प्रेरणा बच्चों ने सबों को दी है।


बच्चों ने नृत्य – गीत के माध्यम विभिन्न रूपों की अविस्मरणीय प्रस्तुति दी ।कार्यक्रम में अभिभावकों के साथ-साथ स्कूल के सेल गुवा के वरीय प्रबंधक आलोक यादव, सेल गुवा वरीय चिकित्सक डा० गजेन्द्र कुमार व अन्य कई उपस्थित थे ।
कार्यक्रम के समायोजन में कक्षा नर्सरी से कक्षा द्वितीय तक के वर्ग शिक्षिकाओं का अग्रणी भूमिका रही।

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