प्लस टू उच्च विद्यालय छोटानागरा के अधिकांश बच्चे नहीं जा रहे स्कूल
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला में प्लस-टू उत्क्रमित उच्च विद्यालय, छोटानागरा में पढ़ने वाले आधा से अधिक बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। उन्होंने विद्यालय में खराब अनुशासन, प्रभारी प्रधानाध्यापक और शिक्षक-शिक्षिकाओं के बीच आपसी तालमेल का अभाव व बच्चों के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगाया है। इस विकट परिस्थिति से निपटने, मामले को दबाने एवं समाधान हेतु प्रभारी प्रधानाध्यापक राम कुमार यादव ने 25 अप्रैल को विद्यालय प्रांगण में विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ बैठक कर मामले का समाधान करने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इस कारण अधिकतर बच्चे स्कूल आना बंद कर दिये हैं। इस मामले को लेकर स्कूल के कुछ बच्चे व उनके अभिभावकों ने बताया कि पूर्व में विद्यालय को अनुशासित रुप से चलाने हेतु विद्यालय प्रबंधन व अभिभावकों ने विशेष नियम बनाये थे। नियम के अनुसार स्कूल प्रारम्भ होने के निर्धारित समय के बाद गेट में ताला बंद होगा।
जो भी बच्चे या शिक्षक-शिक्षिकायें विलम्ब से आयेंगे, उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा। कुछ दिन सब कुछ ठीक से चलता रहा। बाद में नियम टूटने लगे और कुछ बच्चे विलम्ब से आते तो उन्हें सजा के तौर पर मैदान का कई चक्र दौड़ लगाने की सजा दी जाती थी। बीते दिन जब शिक्षक विलम्ब से आये तो बच्चों ने स्कूल गेट का ताला बंद कर दिया। यहीं से विवाद बढ़ने लगा। इसके बाद शिक्षक-शिक्षिकाओं और बच्चों के बीच भी विवाद बढ़ता गया। इसके अलावे शिक्षक-शिक्षिकाओं पर बच्चों का समुदाय देख भेदभाव करने का भी आरोप लग रहा है। कुछ पैसों का वितरण में भी यह विवाद आया था, लेकिन इसका हल करा दिया गया था।
बच्चों ने बताया कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। इस कारण वे स्कूल जाना बंद कर दिये हैं। जब तक मामले का समाधान नहीं होता अथवा विवादित शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानान्तरण नहीं होता तब तक वे स्कूल नहीं जायेंगे। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राम प्रकाश यादव से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि बीते दिन बच्चों व शिक्षिकाओं के बीच कुछ विवाद हो गया था। एक शिक्षिका विलम्ब से स्कूल आयी तो बच्चों ने गेट बंद कर दिया था। गेट का ताला हम खोले थे।
स्कूल समय में बच्चों द्वारा गेट में ताला नहीं लगाना चाहिये था। अभिभावकों के साथ भी बैठक कर इसका समाधान कर लिया गया था। लेकिन शुक्रवार की सुबह बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे तो हम परेशान हुये। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मंदिर में बाहरी राजनीति व बच्चों की शिक्षा व भविष्य के साथ खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं है। नहीं मालूम कौन बच्चों को भड़काकर स्कूल आने से रोक रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां नामांकित बच्चों की संख्या 340 है। स्थायी शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या पांच और निजी 3 शिक्षक-शिक्षिकायें हैं। बच्चे कम आयें हैं और विवाद का समाधान का प्रयास किया जा रहा है।