झारखंड हाईकोर्ट: डीसी कमर्शियल वाहन जब्त करने का आदेश नहीं दे सकते
न्यूज़ लहर संवाददाता
*रांची:* झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि जिले के डीसी (उपायुक्त-सह-जिला मजिस्ट्रेट) किसी वाणिज्यिक वाहन को जब्त करने का आदेश देने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं हैं। यह निर्णय लातेहार जिले के डीसी के आदेश के बाद आया, जिसमें पुलिस ने पिछले वर्ष कोयला लदे एक वाहन को पकड़ा था। इस घटना के बाद वाहन मालिक पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 379 (चोरी), 414 (चोरी की संपत्ति छिपाने में सहयोग करने) और 411 (चोरी की संपत्ति प्राप्त करने) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि वाहन अवैध गतिविधि में शामिल था।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद यह मामला लातेहार सिविल कोर्ट से होते हुए झारखंड हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट में वाहन के मालिक ने डीसी के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें उन्होंने वाहन को जब्त करने का आदेश दिया था। इस मामले की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश कुमार ने अपने फैसले में कहा कि उपायुक्त-सह-जिला मजिस्ट्रेट जब्ती का आदेश पारित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं हैं। इसलिए लातेहार जिले के डीसी द्वारा पारित उस आदेश को रद्द किया जाता है, जिसमें राजा राम मंडल के वाहन को जब्त किया गया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि डीसी के पास वाणिज्यिक वाहनों की जब्ती का अधिकार नहीं है और इस तरह के आदेश केवल कानूनी रूप से सक्षम प्राधिकारी द्वारा ही दिए जा सकते हैं। इस निर्णय से भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और कानूनी प्रक्रियाओं के पालन को सुनिश्चित किया जाएगा।