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आदिवासी उरांव समाज का महापर्व जेष्ठ जतरा हर्षोल्लास के साथ संपन्न

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित बान टोला अखाड़ा में आदिवासी उरांव समाज का महापर्व जेष्ठ जतरा त्योहार हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सुबह से ही पूरी विधि-विधान से पूजा-अर्चना चलती रही। दोपहर 3:00 बजे के बाद खिचड़ी भोग का वितरण किया गया। तत्पश्चात देर शाम तक मोहल्ले के बच्चों, बच्चियों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों के बीच खेलकूद और क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। समापन समारोह में पुरस्कार वितरण का आयोजन भी किया गया।

मुख्य अतिथि सहदेव किस्पोट्टा ने बताया कि जतरा त्योहार उरांव समुदाय का एक ऐतिहासिक त्योहार है, जिसे विजय का प्रतीक माना जाता है। इस शुभ अवसर पर आयोजित खेलकूद और क्विज प्रतियोगिता को उन्होंने बहुत सराहनीय बताया, क्योंकि इस प्रकार के आयोजनों से समुदाय के लोग एकत्रित होते हैं।

प्रतियोगिता के परिणाम निम्नलिखित रहे:

* *5 से 8 वर्ष लड़कों का 100 मीटर दौड़:*
– प्रथम: रितेश कच्छप
– द्वितीय: यथार्थ तिर्की
– तृतीय: अमन कच्छप

* *5 से 8 वर्ष लड़कियों का 100 मीटर दौड़:*
– प्रथम: कृति कुजूर
– द्वितीय: सुहानी कुजूर
– तृतीय: आराध्या मिंज

* *9 से 12 वर्ष लड़कों का 150 मीटर दौड़:*
– प्रथम: सुशांत केरकेट्टा
– द्वितीय: स्मिथ तिर्की
– तृतीय: अभिजीत कच्छप

* *5 से 15 वर्ष लड़कियों की चम्मच रेस:*
– प्रथम: जिया तिर्की
– द्वितीय: शशि नमाता
– तृतीय: मतिका कुजूर

* *10 से 15 वर्ष लड़कियों की बोरा रेस:*
– प्रथम: बारिमा खलखो
– द्वितीय: सुहानी कुजूर
– तृतीय: तनीषा कच्छप

* *12 से 18 वर्ष लड़कियों की सुई धागा रेस:*
– प्रथम: बारिमा खलखो
– द्वितीय: अनिशा कच्छप
– तृतीय: सोनी तिर्की

* *15 से 30 वर्ष लड़कियों की बॉल रेस:*
– प्रथम: अंजली कुजूर
– द्वितीय: रेशमी कच्छप
– तृतीय: दीपाली कुजूर

* *महिलाओं की चियर रेस:*
– प्रथम: दुखनी मिंज
– द्वितीय: रूपा कुजूर
– तृतीय: बिरंग खलखो

बान टोला के मुखिया लालू कुजूर ने इस त्योहार को उरांव समाज का सबसे बड़ा त्योहार बताते हुए कहा कि इसे जीत का प्रतीक मानकर पारम्परिक भेष-भूषा में नाच-गान के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के उपलक्ष्य में बच्चों और बच्चियों के बीच खेलकूद का आयोजन कर मनोरंजन कराया जाता है।

सम्मानित अतिथि पूर्व वार्ड पार्षद श्रीमती लक्ष्मी कच्छप ने इस अवसर पर कहा कि जतरा पर्व हमारा सबसे बड़ा त्योहार है और इसे हम जीत का प्रतीक मानते हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि महिलाओं ने इस जीत को हासिल किया था और आज के परिवेश में हमेशा महिलाओं को आगे आने की जरूरत है।

इस अवसर पर बान टोला समाज के सभी पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे, जिनमें चमरू लकड़ा, सीताराम मुण्डा, गणेश कच्छप, राजकमल लकड़ा, खुदिया कुजूर, राजू तिग्गा, जगरनाथ लकड़ा, कृष्णा मुण्डा, जगरनाथ टोप्पो, शम्भु टोप्पो, राजेंद्र कच्छप, दुर्गा कुजूर, कृष्णा तिग्गा, प्रकाश कुमार गुप्ता, तेजो कच्छप, भरत कुजूर, बिरसा लकड़ा, सुनील खलखो, करमा कुजूर, रवि तिर्की, सुखदेव मिंज, रवि मिंज, अभिनाश कुजूर, बंधन खलखो, रामेश्वर बोईपाई, इन्द्रोदय कच्छप, पिन्टु कच्छप, लक्ष्मी खलखो, शांति कुजूर, पुष्पा मुण्डा, मालती कोया, राखी कुजूर, सुभद्रा कच्छप, पुतुल खलखो, पुष्पा तिर्की, मीना कुजूर, और शिल्पा कच्छप शामिल थे।

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