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नागास्त्र-1: सेना को मिला पहला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन, दुश्मन के घर में घुसकर होगी एयर स्ट्राइक

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:भारतीय सेना को स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन का पहला बैच मिल गया है। इसका नाम है नागास्त्र-1 (Nagastra-1)। अब सेना किसी भी समय चुपके से आतंकियों और देश के दुश्मनों के ठिकाने पर एयर स्ट्राइक कर सकती है। ये ड्रोन्स रडार में भी पकड़ नहीं आएंगे। इन्हें देश की ही कंपनी ने बनाया है। आइए जानते हैं इस ड्रोन की ताकत…

भारतीय सेना को स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 (Nagastra-1) का पहला बैच मिल गया है। इस बैच में 120 ड्रोन्स हैं। ये ड्रोन्स दुश्मन के बंकर, पोस्ट, हथियार डिपो को खत्म कर देगा। आत्मघाती ड्रोन्स को सेना लॉयटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) कहती है, यानी सामान्य भाषा में कहें तो सुसाइड ड्रोन्स।

इसे बनाया है इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड कंपनी और जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने। दोनों कंपनियां सोलार इंडस्ट्रीज की सब्सडियरी हैं। माना जा रहा है कि सेना को कुल मिलाकर 450 नागास्त्र दिए जाएंगे। इसके परीक्षण चीन सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में किए गए हैं। यानी भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए फाइटर जेट्स की जरूरत नहीं है।

नागास्त्र-1 ड्रोन की विशेषता यह है कि यह रडार में पकड़ में नहीं आता और उच्च सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकता है। यह ड्रोन दुश्मन की सीमा में घुसकर भी सुरक्षित रूप से ऑपरेट कर सकता है और उच्च तकनीक से लैस है। इससे भारतीय सेना की ताकत और बढ़ गई है और भविष्य में आतंकवाद और दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई में इसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है।

इस उपलब्धि के साथ, भारत ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है और देश की सुरक्षा को और मजबूत किया है।

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