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नारित्व के सम्मान में मना रोजो पर्व

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित गुआ एवं आस पास के क्षेत्रों में ओड़िया समुदाय के लोगो ने रोजो संक्रांति पर्व हर्षोल्लास से मनाया । छोटे बच्चे नई परिधानों में झूला झूलते नजर आए ।आम तोरण और फूलों से झूलों को सुसज्जित कराया गया । तीन दिनों तक मनाए जाने वाली इस पर्व के अंतर्गत महिलाए घर के काम से बंचित रहने की लोक परंपरा रही है। पोहिली रोजो,रोजो संक्रांति एव भुदाह व बासी रोजो के रूप में तीन दिनों तक उत्सव को मनाया जायगा । लोगो के कहने के अनुसार आजकल पहले के भांति रोजो पर्व को लेकर लोगों मे उत्साह नहीं है ।जिसकी बड़ी वजह मोबाईल को लेकर बच्चों मे
बेरुखी बनती जा है ।कही ना कही सामूहिक प्रायास से इन त्यौहारों को संजोए रखने की जरूरत है । इस बर्ष इक्का दुक्का घरों मे ही झूला देखने को मिली है । रोजो पर्व के बाद अच्छी बारिश होने की संभावना लोगो द्वारा जताया जा रहा है।
दूसरी ओर
सारंडा के घाटकुड़ी गांव में रोजो पर्व पर मेला व पारम्परिक नृत्य का आयोजन किया गया।


14 जून की रात पारम्परिक तरीके से गांव में दिऊरी द्वारा पहले पूजा-पाठ किया गया। तत्पश्चात घाटकुड़ी एवं आसपास के ग्रामीण व महिलायें ढोल व मांदर की थाप पर देर रात तक पारम्परिक नृत्य करते नजर आये। इस दौरान छोटी-छोटी दुकानें भी लगी, जहां लोग खरीददारी करते देखे गये। ग्रामीण भोज चाम्पिया ने बताया कि रोजो पर्व में झूला झूलने की परम्परा होती है, लेकिन इस बार झूला वाला के नहीं आने से थोड़ा उत्साह कम है। यह पर्व रविवार तक चलेगा। इस दौरान मानकी लागुड़ा देवगम, मुखिया राजू सांडिल, उप मुखिया रामेश्वर चाम्पिया, मुंडा बुधराम सिद्धू आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।

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