Regional

गंगा दशहरा पर पूजन से होता है 10 पापों का अंत, जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: गंगा दशहरा के दिन ही भागीरथ अपने तप के बल पर मां गंगा को धरती पर लाए थे।भगवान शंकर ने अपनी जटा से गंगा को धरती पर उतारा था। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है।इन दिन माता गंगा का पूजन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही समस्त पापों का भी नाश होता है।इस दिन माता गंगा का पूजन करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भागीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए तप किया था, जिसके फलस्वरूप माता गंगा धरती पर आई थीं। माता गंगा को इस कारण ही माता गंगा का पूजन करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन स्नान करना भी शुभ माना गया है।गंगा दशहरा के दिन जल, अन्न, पूजा और सुहाग की सामग्री, घी, तेल, शक्कर, नमक, सोना, फल और कपड़ों का दान करना चाहिए।

कब है गंगा दशहरा?

साल 2024 में गंगा दशहरा 16 जून को पड़ रहा है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि तिथि 16 जून की सुबह 02 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और यह 17 जून की सुबह 04 जून 34 मिनट तक रहने वाली है।इस दिन पूजन का समय सुबह 7 बजकर 8 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।

बन रहे हैं ये शुभ योग

गंगा दशहरा के दिन तीन शुभ संयोग बन रहे हैं।इस दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बन रहा है।इस दिन सूर्योदय के साथ ही रवियोग शुरू हो जाने वाला है। इस दिन सुबह 04 बजकर 3 मिनट से 4 बजकर 43 मिनट तक का समय स्नान और दान के लिए शुभ रहने वाला है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मां गंगा हस्त नक्षत्र में धरती पर उतरी थीं।इस बार हस्त नक्षत्र 15 जून की सुबह 8 बजकर 14 मिनट से 16 जून की सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।

इस प्रकार करें गंगा दशहरा के दिन पूजन

इस दिन गंगा नदी में स्नान करें और ‘ओम नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही मां गंगा और भगवान शंकर का पूजन करें।इस के साथ ही 10 चीजों का दोना करें।इस दिन हर सामग्री की मात्रा 10 रखें। गंगा में 10 ही डुबकी भी लगानी चाहिए।

गंगा दशहरा का महत्व

गंगा स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही माता गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन फल, जूता, चप्पल, छाता, घड़ा और वस्त्र का दान करना चाहिए।इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से भी रोगमुक्ति होती है।इस दिन स्नान मात्र से पाप, दोष, विपत्तियों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Related Posts