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दुनियाभर के लिए सबसे खास है आज का दिन, सूर्यदेव का दक्षिणायन में होगा प्रवेश, आज रात आसमान में दिखेगा दुर्लभ नजारा, होगा चमत्मकार!

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: आज 21 जून का दिन शुक्रवार दुनियाभर के लिए सबसे खास दिन साबित होने वाला है। आज पूर्णिमा की रात है। ज्योतिष शास्त्र और खगोल शास्त्र के अनुसार, आज जहां दिन सबसे लंबा होगा, वहीं रात को आसमान में काफी दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा। एक प्रकार का चमत्मकार होगा, जिसे लोग खुली आंखों से देख पाएंगे।

 

आज दुनिया को रात में आसमान में Strawberry Moon नजर जाएगा। चांद हल्के गुलाबी रंग का होगा और इस दिन से यूरोप और अमरीका में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो जाएगी। यूरोप महाद्वीप की नॉर्थ कंट्रीज में उगते समय चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा। ऐसा होने की संभावना तब अधिक होती है, जब चंद्रमा आकाश में काफी नीचे दिखाई देता है। ऊपर चढ़ते हुए यह गुलाबी रंग का होगा। नासा ने इस चमत्कार के होने की पुष्टि की है।

स्ट्रॉबेरी मून शुक्रवार 21 जून को की रात को 9:07 बजे अपने हाई पॉइंट पर होगा, जो साल का सबसे लंबा दिन भी है। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 97% रोशनी के साथ यह गुरुवार की रात को करीब 7:45 बजे जगमगाएगा। शुक्रवार को रात लगभग 8:50 बजे जगमगाते समय इसकी रोशनी 100% होगी। शनिवार को भी यह रात्रि 9:45 बजे तक 100% रोशनी से जगमगाएगा। इस दौरान बाकी की दुनिया में भी लोगों को 3 दिन तक फुल मून नजर आएगा।

 

वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा रात करीब 9.35 बजे उदय होगा। सुबह 5.26 बजे अस्त हो जाएगा। 21 जून को सूर्य सुबह 5.21 बजे उदय होगा और रात के करीब 9.03 बजे अस्त होगा। इसका मतलब यह हैकि पूरे दिन में सूर्य 15 घंटे 41 मिनट तक दिखाई देगा। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा धरती के काफी नजदीक होता है, इसलिए काफी बड़ा और चमकदार नजर आएगा।आध्यात्मिक परंपराओं के अनुसार, स्ट्रॉबेरी मून प्रेम-पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। यह जीवन की मिठास का आनंद लेने और चारों ओर बहने वाली सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ने का समय है। यह दुर्लभ घटना 19 से 20 साल में एक बार ही होती है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार, जून महीने में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू हो जाती है।

इसी महीने में स्ट्रॉबेरी मून नजर आता है, इसी वजह से पूर्णिमा की रात दिखने वाले चांद का नाम स्ट्रॉबेरी मून नाम पड़ा। सिर्फ अमरीका में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में चंद्रमा हल्के गुलाबी रंग का ही दिखाई देगा। जून महीने में पूर्णिमा के दिन होने वाली घटना को यूरोपीय नामों मीड या हनी मून और रोज मून भी कहा जाता है।

ग्रहों के राजा सूर्यदेव 21 जून दिन शुक्रवार को सुबह अपनी चाल बदलकर दक्षिणायन में प्रवेश करेंगे। सूर्यदेव जैसे ही दक्षिण में प्रवेश करेंगे, उसके साथ ही वर्षा ऋतु का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा।शुक्रवार की रात को सूर्यदेव का आर्द्रा नक्षत्र में भी प्रवेश होगा।सूर्यदेव के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश से इस बार अच्छी बारिश का योग बन रहा है।इतना ही नहीं बल्कि 21 जून शुक्रवार को साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा और रात करीब 10 घंटे की होगी।

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