लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत ने संसद सत्र के पहले ही दिन उठाई सरना धर्म कोड की मांग
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: लोहरदगा संसदीय सीट से सांसद चुने गए कांग्रेस के सुखदेव भगत ने संसद सत्र के पहले दिन अनोखे अंदाज में शपथ ली। सुखदेव भगत ने ईश्वर कहने की जगह सरना का नाम लेकर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। गौरतलब है कि सुखदेव भगत ने चुनावों में वादा किया था कि वे संसद सत्र के पहले दिन ही सदन में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आवाज बुलंद करेंगे। गौरतलब है कि संसद सत्र के पहले दिन सुखदेव भगत सरना धर्म कोड की मांग वाला प्ले कार्ड लेकर संसद भवन पहुंचे थे। उन्होंने प्लेकार्ड लेकर धरना भी दिया और कहा कि सरकार को इसे अविलंब लागू करना चाहिए।
दरअसल आदिवासी समुदाय चाहता है कि केंद्र सरकार विभिन्न दस्तावेजों में उन्हें भी अपना धर्म इंगित करने का कॉलम दे, जिसमें सरना धर्म का उल्लेख किया गया हो।
राहुल गांधी ने भी गुमला में किया था वादा
गौरतलब है कि इलेक्शन कैंपेन के दौरान गुमला के बसिया में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी वादा किया था कि यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो पहले ही दिन सरना धर्म कोड लागू कर दिया जायेगा। इसी सभा के पश्चात द फॉलोअप से बातचीत में सुखदेव भगत ने कहा था कि यदि बीजेपी और नरेंद्र मोदी सचमुच आदिवासियों के हितैषी हैं तो सरना धर्म कोड लागू करें।
आदिवासियों के लिए अलग धर्मकोड की मांग
गौरतलब है कि झारखंड में आदिवासियों का एक वर्ग सरना धर्म कोड की मांग कर रहा है। झारखंड की कांग्रेस-झामुमो-आरजेडी सरकार ने विधानसभा से सरना धर्म कोड पारित किया और इसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह लंबित रह गया। बता दें कि बीजेपी के नेता न तो सरना धर्म कोड का समर्थन करते हैं और न ही खुलकर विरोध में कुछ कहते हैं। हालांकि, इस बीच कई बार बीजेपी के नेताओं ने कहा है कि आदिवासी असली हिंदू हैं। बता दें कि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2023 को झारखंड के खूंटी जिला से पीएम जनमन योजना की शुरुआत की थी। इसमें देशभर के 75 आदिम जनजातीय समुदाय के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक जीवन में समान भागीदारी की खातिर कई परियोजनाओं का संचालन किया जाना है।
सुखदेव भगत ने संसद में पहले दिन ये किया पीएम जनमन योजना के तहत आदिम जनजातीय समुदाय को स्वच्छ पेयजल, पक्का आवास, शिक्षा, पोषण, दूरसंचार और कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं मुहैया करवाना है। इस बीच जब भी बीजेपी के लोग इसे आदिवासी हित में उठाया गया बड़ा महात्वाकांक्षी कदम बताते हैं, झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित इंडिया के अन्य घटक दल सरना धर्म कोड का उदाहरण देते हैं। सुखदेव भगत ने कई मौके पर कहा है कि केंद्र सरकार सरना धर्म कोड लागू क्यों नहीं करती। सुखदेव भगत ने चुनाव कैंपेन के दौरान वादा किया था कि वे संसद सत्र के पहले दिन ही इसकी मांग करेंगे। उन्होंने बिलकुल ऐसा ही किया।