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लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय सेना के 30वें सेनाध्यक्ष का पदभार संभाला

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज भारतीय सेना के नए प्रमुख का पदभार संभाला। वे भारतीय सेना के 30वें सेनाध्यक्ष हैं और वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे, जो 30 जून 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

**द्विवेदी का करियर और अनुभव:**

उपेंद्र द्विवेदी पहले भारतीय सेना के उप प्रमुख थे और उन्होंने उत्तरी सेना की कमान भी संभाली थी। उनके पास युद्ध और रणनीतिक योजना में व्यापक अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों और ऑपरेशनों का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व में उत्तरी सेना ने कई महत्वपूर्ण अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

 

**नई जिम्मेदारियाँ और प्राथमिकताएँ:**

नए सेना प्रमुख के रूप में द्विवेदी की प्राथमिकताएँ सेना की आधुनिकीकरण, तैनाती और तैयारी पर केंद्रित होंगी। उन्होंने सेना की क्षमता और लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने का संकल्प लिया है। द्विवेदी ने कहा, “हमारा उद्देश्य एक सशक्त और आत्मनिर्भर सेना का निर्माण करना है जो किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हो।”

 

**सेना का आधुनिकीकरण:**

द्विवेदी की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय सेना आधुनिकीकरण और नए तकनीकी उपकरणों के अधिग्रहण पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि सेना की आधुनिकीकरण योजना में नवीनतम हथियार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत तकनीकों का समावेश शामिल होगा।

 

**सुरक्षा चुनौतियाँ और रणनीतिक दृष्टिकोण:**

द्विवेदी का नियुक्ति समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत वर्तमान में कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें सीमाओं पर तनाव, आतंकवाद, और साइबर खतरों का मुकाबला शामिल है। उनका व्यापक अनुभव और दूरदर्शी दृष्टिकोण भारतीय सेना को मजबूत करने में मदद करेगा।

 

**समारोह और सम्मान:**

इस अवसर पर रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री ने जनरल मनोज पांडे को उनके असाधारण सेवा के लिए धन्यवाद दिया और लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को उनके नए पद के लिए बधाई दी।

 

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की नियुक्ति भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी, क्योंकि वे अपने नेतृत्व में सेना को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में अग्रसर होंगे। उनकी प्राथमिकताएं सेना की तैयारी और आधुनिकीकरण पर केंद्रित हैं, जो वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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