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जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने आधारभूत संरचना निर्माण में एनजीटी गाइडलाइन के अक्षरशःअनुपालन को लेकर की समीक्षा बैठक दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र के इको सेंसेटिव जोन तथा स्वर्णरेखा नदी तट के किनारे एनजीटी नियमों का उल्लंघन एवं नक्शा विचलन कर निर्माण पर सख्ती के दिए निर्देश

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र के इको सेंसेटिव जोन तथा स्वर्णरेखा नदी के तट पर एनजीटी के गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी प्रकार का अवैध आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं होनी चाहिए, नियमों की अनदेखी कर निर्माण कार्य कराने वालों पर जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगी… ये बातें जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने आधारभूत संरचना निर्माण में एनजीटी गाइडलाइन के अनुपालन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में कही।

एनजीटी के गाइडलाइन के अनुरूप दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र में अवैध निर्माण की जांच और स्वर्णरेखा नदी का अतिक्रमण समेत अन्य मुद्दों की समीक्षा की गई । बैठक में बताया गया कि जांच में 206 अवैध निर्माण ऐसे पाये गए हैं जिनमें 62 भवनों का निर्माण नदी तट के 10 मीटर के अंदर और 134 भवनों का निर्माण नदी तट के 10-15 मीटर के अंदर है, जो एनजीटी गाइडलाइन का उल्लंघन है। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया कि कितने अवैध निर्माण गैर मजरुआ जमीन व रैयती जमीन में हैं। रैयती जमीन में निर्माण के दौरान बिल्डिंग बाइलॉज का अनुपालन हुआ है या नहीं? उन्होने संबंधित अंचलाधिकारी, नगर निकाय पदाधिकारी एवं स्वर्णरेखा परियोजना की विशेष टीम गठित करते हुए एनजीटी गाइडलाइन का उल्लंघन और विशेष रूप से अवैध निर्माण के संबंध में तथ्यात्मक स्थिति का पता कर तीन दिनों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। भवनों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों को अनदेखा नहीं किया गया हो, किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर्यावरणीय दृष्टि के अनुकूल हो तथा नियमों के मुताबिक विधि सम्मत हो इसे सभी संबंधित पदाधिकारी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

बैठक में उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर अभिषेक कुमार, अपर उपायुक्त रोहित सिन्हा, मानगो नगर निगम के अपर आयुक्त रंजीत लोहरा, सीओ जमशेदपुर सदर मनोज कुमार, सीओ चांडिल अमित श्रीवास्तव, सीओ मानगो ब्रजेश श्रीवास्तव, स्वर्णरेखा परियोजना, प्रदूषण बोर्ड व जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी तथा अन्य सभी संबंधित विभागीय पाधिकारी उपस्थित थे ।

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