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गुवा सेल को स्लो डाउन के आंदोलन से अबतक डेढ़ करोड़ रुपए का हुआ है नुकसान          

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सेल की गुवा खदान में सेलकर्मियों व ठेका मजदूरों का अनिश्चितकालीन स्लो डाउन आंदोलन आज दुसरे दिन शुक्रवार को भी जारी है। आंदोलनकारियों का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कर रहे हैं। यह आंदोलन चार सूत्री मांगों को लेकर किया जा रहा है। मजदूरों की मांगों में बीते दिनों बाहर से नियुक्त कर गुवा भेजे गये एस-3 ग्रेड के 18 सेलकर्मियों को तत्काल वापस भेजना, ठेका मजदूरों को समान कार्य का समान वेतन व सुविधाएं, सेवानिवृत्त सेलकर्मियों के आश्रितों को खदान में नौकरी एवं गुवा खदान में 500 पदों पर खदान से प्रभावित सारंडा के गांवों व गुवा के स्थानीय बेरोजगारों को शत-फीसदी नौकरी देना शामिल है।

उत्पादन धीमा होने के कारण पहले दिन गुरुवार को तीनों पालियों में कुल 5500 टन उत्पादन हुआ था। छह जुलाई को मजदूरों का हौसला बढ़ाने पूर्व मुख्यमंत्री पुनः गुवा आएंगे। आंदोलन में शामिल मजदूर नेता रामा पांडेय ने बताया कि आंदोलन के पहले दिन 4 जुलाई को प्रथम पाली में 1200 टन, द्वितीय पाली में 2700 टन एवं तृतीय पाली में 1600 टन उत्पादन हीं हो सका। तीनों पाली में मिलाकर 12 हजार से 14 हजार टन उत्पादन प्रतिदिन होता है। इसके अलावे 5 जुलाई को प्रथम पाली में लगभग 1200 टन ही उत्पादन हो सका है। इससे प्रबंधन को अब तक लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि 4 जुलाई की रात लगभग 8 बजे गुवा प्रबंधन ने आंदोलन में शामिल मजदूर संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन उस में कोई नतीजा नहीं निकला था।

6 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा आंदोलन में शामिल होकर मजदूरों का हौसला बढ़ाने पुनः गुवा आयेंगे। प्रबंधन नोटिस निकालकर आंदोलन में शामिल मजदूरों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का भय दिखा रहा है। लेकिन मजदूर इससे डरने वाले नहीं हैं। मांगें जब तक पूरी नहीं होती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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