जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने डेंगू रोकथाम को लेकर की बैठक, कहा- जिलेवासी अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखें, अपने आसपास पानी जमा न होने दें*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में डेंगू रोकथाम को लेकर एहतियातन कदम उठाये जाने के संबंध में जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में बैठक आहूत की गई । बैठक में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, एमजीएम उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी, नगर निकाय पदाधिकारी, टीएमएच व अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों तथा नर्सिंग होम के प्रतिनिधि, जुस्को सहित अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे । स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में डेंगू के दो मामले जिला में हैं और दोनों मरीज दूसरे स्थानों से आए हैं, स्थिति सामान्य है। जिला अंतर्गत सभी सरकारी व निजी अस्पताल प्रबंधन को डेंगू मरीजों के लिए दो बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया तथा सिविल सर्जन को डेंगू टेस्ट किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखने हेतु निर्देशित किया गया। वहीं सभी चिकित्सा संस्थानों को निर्देशित किया गया कि डेंगू जांच का निर्धारित दर ही मरीजों से लें अन्यथा जांच में पकड़े जाने पर जिला प्रशासन द्वारा विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। डेंगू लार्वा पाए जाने वाले घरों में सम्बन्धितों से 500 रु. जुर्माना वसूला जाएगा, लगातार प्रशासन के दिशा निर्देशों की अवहेलना पर दोषियों को ज्यादा आर्थिक दण्ड लगाया जाएगा। साथ ही सभी सम्बन्धितों को युद्ध स्तर पर एन्टी लार्वा के छिड़काव का निर्देश दिया गया।
*जिला प्रशासन डेंगू पर वार को लेकर तैयार, आमजनों से भी सहयोग अपेक्षित*
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि डेंगू एक वायरल और गंभीर फ्लू की तरह संक्रमित रोग हैं, जो संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से फैलता है । ऐसे में जिलेवासियों से अपील है कि अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखें, अपने घरों के आसपास पानी जमा नहीं होने दें, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें। उन्होने स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच किट की उपलब्धता, क्यूआरटी का गठन, हेल्पलाइन नंबर जारी करने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम चिन्हित करने तथा संभावित स्थलों और पिछले वर्ष के हॉट स्पॉट जोन में डेंगू लार्वा जांच के निर्देश दिए ।
साथ ही नगरीय निकाय के पदाधिकारियों एवं जुस्को के प्रतिनिधि को फॉगिंग, साफ-सफाई तथा शहरी क्षेत्र में डेंगू को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश दिया गया। शिक्षा विभागीय पदाधिकारी को स्कूली बच्चों के बीच जागरूकता लाने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होने कहा कि बच्चों को प्रार्थना सभा (एसेंबली) एवं वर्ग कक्षा (क्लास) में डेंगू से बचाव को लेकर जानकारी दें, बच्चों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने के बारे में बताएं, हमेशा मच्छरदानी के अन्दर ही सोएं, बच्चों के माता, पिता व समुदाय के साथ बैठक करें, स्कूल कैंपस, फील्ड व स्कूल के आस-पास में कही भी पानी का जमाव नहीं होने दे जिसमें डेंगू मच्छर का लार्वा पनप सकता हैं। साथ ही बच्चों से घरों के आस-पास पानी का जमाव नहीं होने देने को लेकर जागरूक करने का निदेश दिया गया।
*डेंगू क्या है?-* डेंगू संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से फैलता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 5-6 दिन बाद बुखार आने लगता है।
*डेंगू किसे हो सकता है?* कोई भी व्यक्ति जिसे संक्रमित मादा एडिस मच्छर काट ले उसे डेंगू बुखार होने की संभावना होती हैं, संक्रमित मादा ऐडिस मच्छर के काटने से अधिकतर लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं।
*सावधानी*
लक्षण के आधार पर रोगी की सही समय पर जांच एवं उपचार प्रारंभ हो जाना चाहिए। जांच एवं उपचार में देरी होने पर रोग जटिल या गंभीर हो सकता है तथा जान को खतरा भी हो सकता है। बुखार के 5 दिन बाद आइजीएम एलाइजा जांच जरूर कराएं। एमजीएम एवं सदर अस्पताल में जांच की सुविधा निःशुल्क है। साथ ही टीएमएच व अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों में भी जांच कराया जा सकता है।
*डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है यदि प्रत्येक व्यक्ति निम्नवत बातों का ध्यान रखें*:
1. घर के अन्दर व आंगन में जहां भी पानी एकत्रित हो रहा है, उसे नियमित साफ करें।
2. घर में कोई भी बेकार बर्तन, खुली बोतल, डिब्बे, पुराने टायर, कबाड़ एवं प्लास्टिक का सामान एकत्रित ना होने दें, इनमें पानी के ठहरने से डेंगू मच्छर के पनपने का खतरा सबसे अधिक रहता है।
3. बर्तनों को खाली कर उलटा कर के रखें, पानी के बर्तन, टंकी और हौदे को ढक कर रखें ।
4. फूल के गमलों में पानी न जमा होने दें ।
5. कूलर का पानी सप्ताह में एक बार खाली कर दें और सुखाने के बाद ही भरें।
6. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें ।
7. ऐसे कपड़े पहने जो शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक सके ।
8. डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सक से मिलें एवं बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा नहीं लें।