*मांडर में ग्राम न्यायालय का उद्घाटन जल्द: 19 पंचायतों को मिलेगा त्वरित न्याय*
न्यूज़ लहर संवाददाता
रांची: झारखंड में ग्रामीणों को न्याय के लिए शहर के चक्कर लगाने से राहत मिलने वाली है। इसके लिए राज्य के गांवों में अदालतों की स्थापना की जा रही है। राजधानी रांची के गांव मांडर में विलेज कोर्ट खोलने की पूरी तैयारी हो गई है। इसका उद्घाटन झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करेंगे। गांव अदालत में जुडिशल मजिस्ट्रेट और वकील भी होंगे।
गांव मांडर में ग्राम न्यायालय खुलने से न सिर्फ मांडर बल्कि इलाके के चान्हो, बेड़ो, खलारी, इटकी, रातू समेत मांडर प्रखंड के 19 पंचायत के लोगों को भी न्याय के लिए शहर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। उनके अपने ही क्षेत्र में उन्हें जल्द न्याय मिल सकेगा। ग्राम न्यायालय खुलने से इन क्षेत्र के थानों को भी किसी भी मामले के तुरंत निपटारे में काफी सहूलियत और समय की बचत होगी।
मांडर के ग्राम न्यायालय में जुडिशल मजिस्ट्रेट बैठेंगे, यहां वकील भी रहेंगे और सभी तरह के मामले की सुनवाई भी होगी। ग्राम न्यायालय में अभिलेख कक्ष, मध्यस्थता कक्ष, पीएलवी कक्ष भी होगा। मांडर का ग्राम न्यायालय का भवन पूरी तरह से तैयार है। जुलाई के 13 या 14 तारीख को झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विद्युत रंजन सारंगी इसका उद्घाटन करेंगे। इसे लेकर रांची के डिस्ट्रिक्ट जज दिवाकर पांडेय और डालसा सेक्रेटरी कमलेश बेहरा ने भी भवन का निरीक्षण किया है।
जिला न्यायालय में बढ़ते मुकदमों के कारण ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले लोगों को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए ग्राम न्यायालय, ग्राम स्तरीय अदालत जो वहां के रहने वाले नागरिकों को उनके दरवाजे पर सस्ती और त्वरित न्याय पहुंचाने का कार्य करती है। इसी उद्देश्य से ग्राम न्यायालय का गठन किया गया है। इन ग्राम अदालत की अध्यक्षता एक न्यायिक अधिकारी के द्वारा की जाती है, जिसे न्याय अधिकारी कहते हैं। जिनकी नियुक्ति ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 की धारा 5 के तहत की जाती है।
रांची के मांडर में खुलने वाला ग्राम न्यायालय झारखंड का दूसरा गांव अदालत है। सबसे पहले 27 फरवरी 2016 को राज्य के कोडरमा जिला के झुमरीतलैया में ग्राम न्यायालय खोला गया था। उस वक्त झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रशांत कुमार ने इसका उद्घाटन किया था। ग्राम न्यायालय खुलने से ग्रामीणों को न्याय के लिए बड़ी सहूलियतें मिलेंगी।