शराब दुकान में चोरी करने वाले अंतर राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत आठ गिरफ्तार**
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर पुलिस ने शहर और आस-पास के क्षेत्रों में शराब दुकानों में लगातार हो रही चोरी का खुलासा करते हुए अंतर राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने सरगना समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में जुगसलाई गौरीशंकर रोड निवासी मो. राजू उर्फ विजय मुंडा, सिदगोड़ा बागुनहातू निवासी दिलीप कालिंदी, जुगसलाई निवासी मो. अफजल, बारीडीह निवासी अंकित करण, गम्हरिया निवासी लालटू गोराई, खिरोद गोराई, साकची निवासी राजा सिंह उर्फ कोदु सरकार उर्फ कद्दू और गोलमुरी निवासी साबा सिंह उर्फ लड्डू सिंह शामिल हैं। पुलिस ने उनके पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा गोली, घटना में इस्तेमाल की गई चार कारें, 55 पेटी शराब, आठ मोबाइल फोन और ताला तोड़ने के औजार बरामद किए हैं।
गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी से एक साथ 20 मामलों का उद्भेदन हुआ है। शहर की शराब दुकानों में हो रही चोरी के उद्भेदन के लिए पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था। मंगलवार को सूचना मिली थी कि एक कार में कुछ अपराधी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके बाद पुलिस ने गालूडीह के सालबनी मोड़ के पास जांच अभियान चलाया और मौके पर अफजल, मो. राजू, दिलीप और अंकित को पकड़ लिया, जबकि अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए। हालांकि पुलिस ने बाद में सभी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभी घाटशिला में डकैती करने जा रहे थे। आरोपियों ने बताया कि जिले के कदमा, सोनारी, टेल्को, बिष्टुपुर, साकची, सिदगोड़ा, घाटशिला, मऊभंडार, सीतारामडेरा, गोविंदपुर, बिरसानगर, मानगो, एमजीएम समेत सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर, गम्हरिया, चांडिल, चाईबासा और चक्रधरपुर के अलावा ओड़िशा में भी लूट और चोरी की घटना को अंजाम दे चुके हैं। इसमें मो. राजू और दिलीप कालिंदी मुख्य भूमिका में रहते हैं, जबकि अन्य लोग घटना को अंजाम देने में साथ रहते हैं। सभी ने पहले शराब दुकानों को निशाना बनाना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे लूट और छिनतई भी करने लगे। उन्होंने बताया कि तार कंपनी के अधिकारी के घर भी इन्हीं लोगों ने लूट की घटना को अंजाम दिया था।
**दिलीप करता था अवैध शराब का कारोबार**
दिलीप कालिंदी ईचागढ़ में अवैध शराब का कारोबार करता था। उसकी मुलाकात मो. राजू से हुई। दोनों ने मिलकर मार्च में मानगो और साकची में शराब दुकान में चोरी की। चोरी की शराब को गम्हरिया निवासी लालटू गोराई और खिरोद गोराई को बेचते थे, जबकि पैसों को आपस में बांट लेते थे। घटना को अंजाम देने के लिए ऐसी शराब दुकान को चुना जाता था, जिसमें गार्ड मौजूद नहीं होते थे। इसके लिए अंकित को चुना गया था। अंकित ऐसी शराब दुकानों की रेकी करता था। इसके बाद सभी मिलकर रात को चोरी की कार से घटना को अंजाम देने के लिए निकलते थे। कार का नंबर प्लेट बदल दिया जाता था। एक जुलाई की रात सभी चोरी के उद्देश्य से घूम रहे थे पर किसी घटना को अंजाम नहीं दे पाए। अंत में तार कंपनी के पास डीजीएम के घर लूट की और फिर कदमा में शराब दुकान को निशाना बनाया।
**घटना स्थल से उठा ले जाते थे खोखा, नहीं करते थे मोबाइल का इस्तेमाल**
आरोपियों ने बताया कि वे लोग घटना स्थल पर फायरिंग करने के बाद खोखा उठाकर अपने साथ ले जाते थे। इसके अलावा सीसीटीवी का डीवीआर भी ले जाते थे। घटना को अंजाम देने के पहले अपने-अपने मोबाइल भी बंद कर देते थे, ताकि पुलिस लोकेशन के आधार पर नहीं पकड़ पाए। आरोपियों की गिरफ्तारी से घर और शराब दुकानों में चोरी का उद्भेदन हुआ है। पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।