रांची में आयोजित अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में संघ की प्रमुख गतिविधियों पर चर्चा
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:रांची में 12 से 14 जुलाई तक आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में देश भर से 227 कार्यकर्ता शामिल हुए। इस बैठक में संघ की विभिन्न कार्य योजनाओं पर गहन चर्चा और समीक्षा की गई।
संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं युवा अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने बताया कि देश भर में संघ के 46 प्रांत हैं और युवाओं की संख्या में संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि संघ ने 2012 में ‘ज्वाइन आरएसएस’ के तहत ऑनलाइन माध्यम शुरू किया था, जिसके तहत प्रतिवर्ष एक से दो लाख लोग संघ से जुड़ रहे हैं। इस वर्ष भी जून के अंत तक 66,529 लोगों ने संपर्क कर संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है।
प्रशिक्षण वर्गों में बदलाव, युवाओं ने लिया उत्साहपूर्वक भाग संघ ने प्रशिक्षण वर्गों की रचना और पाठ्यक्रम में भी परिवर्तन किया है। इस वर्ष देशभर में 40 वर्ष से कम आयु के 20,615 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, जबकि 40 से 65 वर्ष की आयु के 3,335 लोगों ने प्रशिक्षण लिया। पिछले वर्ष आयोजित प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख नए लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
2025 तक देश में सभी मंडलों और बस्तियों में दैनिक शाखा का लक्ष्य
श्री आंबेकर ने बताया कि संघ का लक्ष्य 2025 तक देश में सभी मंडलों और शहरी बस्तियों में दैनिक शाखा स्थापित करना है। वर्तमान में देश में 73,117 दैनिक शाखाएं और 27,717 साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं। इसके अलावा संघ 158,532 गांवों में पत्रिकाओं के माध्यम से सकारात्मक संदेश पहुंचा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण और गौ सेवा पर भी जोर
पर्यावरण संरक्षण को लेकर संघ की गतिविधियों को समाज से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। गौ सेवा और ग्राम विकास को लेकर भी विशेष योजना बनाई जा रही है। युवाओं से भी आह्वान है कि वे 24 घंटे गांव में रहकर इन कार्यों में सहभागी बनें।
लोकमत परिष्कार और मतांतरण पर भी चर्चा
श्री आंबेकर ने कहा कि संघ सीधे चुनाव के कार्य में नहीं लगता, बल्कि लोकमत परिष्कार और लोकमत जागरण का कार्य करता है। उन्होंने मतांतरण पर कहा कि धोखे से, जबरन या लालच से मतांतरण नहीं होना चाहिए, जो पूर्णतः गलत है।
आपातकाल के विरोध में संघ ने किया था संघर्ष
एक प्रश्न के उत्तर में श्री आंबेकर ने कहा कि आपातकाल के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संघर्ष भी किया था और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी थी।