बड़ाजामदा की सडक चौड़ीकरण के मसले से लोग भयाक्रांत, समाधान की अपील बड़ाजामदा की जीवन रेखा रही एनएच 320 जी के चौड़ीकरण से दर्जनों को होगा नुकशान – – दुर्गा देवगम

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित बड़ाजामदा एनएच 320 जी के चौड़ीकरण का विरोध कर लोगों का होने वाले नुकशान के प्रति चिंता जताते बड़ाजामदा क्षेत्र के झामुमों नेता सह समाजसेवी दुर्गा देवगम ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होने कहा है कि एनएच 320 जी झारखंड राज्य में हाटगमरिया, जगन्नाथपुर, बराइबुरू, सैडल, मनोहरपुर, आनंदपुर, बानो और कोलेबिरा को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग के रूप में कार्य करता है।
सड़क इन क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा रही है । बुनियादी ढांचे को बनाए रखने और सुधारना महत्वपूर्ण है।लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सड़क को 110 फीट तक चौड़ा करने की योजना बना रहा है, जो वर्तमान चौड़ाई लगभग 50 फीट से दोगुनी है। इस प्रस्तावित विस्तार ने कई मुद्दों को जन्म दिया है । अतःइस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। सबसे पहले, बड़ाजामदा 10,000 से कम निवासियों की आबादी वाला एक छोटा सा गांव है। 2006 और 2008 के बीच निर्मित वर्तमान सड़क ने हमारे गांव की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा किया है।
अगर सड़क का विस्तार किया जाता है तो दर्जनों लोग प्रभावित होगे।बड़ाजामदा क्षेत्र के झामुमों नेता सह समाजसेवी दुर्गा देवगम के अनुसार बड़ाजामदा में अधिकांश स्थानीय व्यवसाय मौजूदा सड़क के किनारे स्थित हैं, जिनमें दुकानें, पेट्रोल पंप, खाद्य प्रतिष्ठान एवं चाय की दुकानें शामिल हैं। इनमें से कई लोग व्यवसाय पीढ़ियों से चले आ रहे हैं और पट्टे की भूमि पर स्थित हैं। प्रस्तावित 110-फीट सड़क विस्तार से इन प्रतिष्ठानों के ध्वस्त होने का खतरा है, जिससे प्रभावित परिवारों को गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।इस विस्तार के परिणाम हमारे समुदाय के लिए विनाशकारी होंगे, जिससे आजीविका और घरों को नुकसान होगा। लोग रेलवे भूमि अधिग्रहण परियोजना के प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं। रेलवे ने पहले ही अपने निर्माण के लिए सड़क किनारे की भूमि का एक हिस्सा अधिग्रहित कर लिया है, जिससे इस प्रक्रिया में कई निवासी प्रभावित हुए हैं। परिणाम स्वरुप सड़क के चौड़ीकरण के लिए वैकल्पिक समाधान पर विचार करने की मांग बड़ाजामदा क्षेत्र के झामुमों नेता सह समाजसेवी दुर्गा देवगम ने की है । लोगों के अनुसार एक संभावित समाधान में बाईपास या ओवर पास का निर्माण शामिल हो सकता है, जो अधिक लागत प्रभावी और कम विघटन कारी दृष्टिकोण साबित हो सकता है।