NEET पर SC का बड़ा आदेश- शनिवार दोपहर तक सेंटर वाइज छात्रों का रिजल्ट ऑनलाइन डालें*
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:नीट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आज सीबीआई रिपोर्ट से शुरू हुई थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के कम से कम नंबर, IIT मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गड़बडी कब और कैसे हुई, कितने सॉल्वर्स पकड़े गए, दोबारा जांच की मांग और पेपर में गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई। कोर्ट ने एनटीए को सभी छात्रों के सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट ऑनलाइन अपलोड करने के लिए कहा है।साथ ही काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि सभी छात्रों के परिणाम – शहरवार और केंद्रवार – शनिवार दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन अपलोड किए जाने चाहिए।कोर्ट ने सोमवार (22 जुलाई) तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। एसजी ने कहा, ‘काउंसलिंग में कुछ समय लगेगा। यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी.’ सीजेआई ने कहा, ‘हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे।’
NEET UG परीक्षा रद्द होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में आज लंबी बहस के बाद भी 23 लाख मेडिकल एस्पिरेंट्स को इस सवाल के जवाब का इंतजार है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के कम से कम नंबर, IIT मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गड़बडी कब और कैसे हुई, कितने सॉल्वर्स पकड़े गए, दोबारा जांच की मांग और पेपर में गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई।अब नीट विवाद पर उम्मीदवारों को सोमवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार करना होगा।
कोर्ट ने उम्मीदवारों के एग्जाम सेंटर बदलने पर NTA से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा- 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15,000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था।हालांकि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता।सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा किया जाता है।सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट अब आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट पर चर्चा
केंद्र और एनटीए की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया था कि IIT मद्रास की रिपोर्ट में NEET UG 2024 परीक्षा में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है। आईआईटी ने निष्कर्ष निकाला था कि परीक्षा के परिणामों में असामान्यता का कोई संकेत नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि “न तो किसी गड़बड़ी का संकेत था और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभ पहुंचाया गया था, जिससे असामान्य अंक आए।”
चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच आज 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।इन याचिकाओं में परीक्षा रद्द करना, दोबारा परीक्षा कराना और NEET-UG 2024 के संचालन में कथित गड़बड़ियों की जांच करना और NEET विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के खिलाफ लंबित मामलों को स्थानांतरित करना शामिल है।इससे पहले सीजीआई ने कहा था कि NEET-UG 2024 की अखंडता से समझौता हुआ है तो परीक्षा रद्द होनी चाहिए।
सुनवाई से पहले एनटीए ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल किया है।एनटीए का कहना है कि नीट परीक्षा में कोई सिस्टेमैटिक फेलियर नहीं था। बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है, जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है उनकी जांच चल रही है। एनटीए कोर्ट को बताया कि जांच बिहार पुलिस द्वारा शुरू की गई थी, जिसे ईओयू विंग को सौंप दिया गया था। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर नीट मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दी गई है।एनटीए ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं।