13 वर्ष बाद न्यायालय से पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता, बन्ना गुप्ता फैस क्लब के अध्यक्ष अनिल सिंह, कांग्रेसी नेता अजय ओझा एवं भाजपा नेता सुनील तिवारी बरी हुए चापाकल बोरिंग चयन स्थल पर नहीं किए जाने की मामले को लेकर स्टेशन गोल चक्कर जाम किए थे सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने सहित आईपीसी के 9 धारा से आरोप मुक्त हुए
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर के बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर एक स्थित हिलटॉप स्कूल के समीप चापाकल बोरिंग चयन स्थल पर नहीं किए जाने पर जनहित में स्थानीय लोगों के साथ पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता, बन्ना गुप्ता फैंस क्लब के अध्यक्ष अनिल सिंह, कांग्रेसी नेता अजय ओझा, भाजपा नेता सुनील तिवारी ने टाटानगर स्टेशन गोल चक्कर जाम किए थे। जाम किए जाने पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने सहित अन्य मामले को लेकर उक्त लोगों पर बागबेड़ा थाना में मुकदमा दायर किया गया था।
जिसमें बागबेडा थाना कांड संख्या 71 /2011, जी आर 994/2011, धारा 147, 148, 183, 186, 290, 353, 341, 342, 354 आईपीसी के तहत दिनांक 18/5 /2011 को एएसआई दूधनाथ सिंह के द्वारा बागबेड़ा थाना में मुकदमा दायर किया गया था । जिसमें चार लोगों को मुख्य रूप से पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता, बन्ना गुप्ता फैंस क्लब के अध्यक्ष अनिल सिंह, कांग्रेसी नेता अजय ओझा एवं भाजपा नेता सुनील तिवारी को आरोपी बनाया गया था। इस पूरे मामले में तीन पुलिसकर्मी की गवाही हुई। लेकिन न्यायालय के सामने वे लोग सच्चाई प्रस्तुत नहीं कर सके।जिसके कारण प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पवन कुमार के न्यायालय में साक्ष्य के अभाव में उपरोक्त चारों नेताओं को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। सुनील गुप्ता और अनिल सिंह के तरफ से अधिवक्ता अनिल दास, अजय ओझा के तरफ से शंकर सिंह एवं सुनील तिवारी के तरफ से वीरेंद्र सिंह बहस किए।
इस मौके पर उक्त चारों नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि न्यायालय पर पूर्ण भरोसा होने के कारण सच्चाई की जीत हुई और न्यायालय से बाइज्जत बरी हुए। उक्त नेताओं ने कहां की बागबेडा कॉलोनी में शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना एवं बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना अब तक अधूरी पड़ी हुई है। पानी की घोर किल्लत है। पानी के लिए हाहाकार मचा है। इन सारी चीजों की समाधान के लिए जनहित में लड़ाई जारी रखने की बात कही। इसके लिए जेल भी जाना पड़े तो जाएंगे और मुकदमा से नहीं डरेंगे।