पूछा सवाल, धीरमलिए को तनख्वाह लगा सकते हैं जत्थेदार श्री अकाल तख्त को सरबत खालसा बुलाने का आग्रह
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर के बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार कुलविंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुवीर सिंह को पत्र लिखकर पूछा है, क्या किसी धीरमलिए को कोई भी जत्थेदार तनख्वाह लगा सकता है ?
कुलविंदर सिंह ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा है कि जब गुरु गोविंद सिंह जी ने धीरमलियों के साथ किसी प्रकार का संबंध नहीं रखने का आदेश दे रखा है तो जत्थेदार कैसे तनख्वाह लगाकर क्लीन चिट दे सकते हैं।
कुलविंदर सिंह ने जत्थेदार को बताया है कि सेंट्रल कमेटी के प्रधान ने अपनी मर्जी से आम सभा की। संगत के बीच चुनाव का घोषणा किया। वोटर लिस्ट तैयार होने लगी। फिर धार्मिक परीक्षा हुई और इसमें उनके तथाकथित दो उम्मीदवार सरदार अवतार सिंह सोखी और सरदार कुलदीप सिंह फेल हो गए। सरदार अवतार सिंह सोखी पटना तख्त पहुंचे और उन्होंने लिखित रूप से स्वीकार किया कि वे बाबा वडभाग सिंह के डेरे जाते हैं लेकिन प्राण करते हैं आगे से नहीं जाएंगे।
लिखित रूप से दो स्वीकार करने के बावजूद उन्हें तनख्वाह जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी बलदेव सिंह और पांच सिंह साहिब ने लगाई और फिर क्लीन चिट दे दी। उसके आधार पर सेंट्रल कमेटी के प्रधान ने अवतार सिंह सोखी को बारीडीह कमेटी का प्रधान घोषित कर दिया। अब वहां लड़ाई झगड़ा का अंदेशा बना हुआ है।
कुलविंदर सिंह ने जत्थेदार से आग्रह किया है कि यह कौम और पंथ के लिए बहुत बड़ा मामला है, सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि क्या किसी जत्थेदार द्वारा धीरमलिये को तनख्वाह लगाई जा सकती है। क्या धिर्मलिया को गुरुद्वारा का प्रबंध दिया जा सकता है।
नहीं, तो ऐसा करने वाले पंथ विरोधियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई लोगों पर होनी चाहिए। जरूरत पड़े तो इसके लिए सरबत खालसा बुलाकर अस्थाई समाधान करना चाहिए जिससे आगे भविष्य में कोई भी प्राणी गलती नहीं करें। इसकी प्रति सभी जत्थेदारों एवं दमदमी टकसाल के मुखी संत हरनाम सिंह खालसा को भी भेजी गई है।