गुवा सेल खदान में प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए:- लागुडा देवगम
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सारंडा के छोटानागरा पंचायत के ग्रामीणों व शिक्षित बेरोजगारों ने ने सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम की अध्यक्षता में 28 जुलाई को जोजोगुटु गांव में विशेष बैठक आयोजित की। इस बैठक में कहा गया की पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा़ के नेतृत्व में सेल की गुवा खदान प्रबंधन के खिलाफ संयुक्त यूनियन द्वारा चार सूत्री मांगों को लेकर ऐतिहासिक स्लो डाउन आंदोलन किया गया था। आंदोलन सफल रहा। इस आंदोलन को गुवा खदान ने प्रभावित छोटानागरा पंचायत के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने भी मानकी-मुंडाओं के नेतृत्व में अपना समर्थन दिया था। अंतिम वार्ता जो सेल की मेघाहातुबुरु स्थित मेघालया गेस्ट हाउस में हुआ था उस वार्ता में सारंडा पीढ़ के मानकी व अन्य मुंडा भी मधु कोडा़ के साथ थे। हमारी मांग यह है कि अगर गुवा खान प्रबंधन के साथ 500 या उससे जितना भी कम ठेका अथवा सप्लाई मजदूरों को रोजगार देने पर सहमति बनी थी उसे हम प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को न सिर्फ बताया जाये बल्कि हमारी भी हिस्सेदारी सुनिश्चित किया जाये। मानकी लागुडा़ देवगम ने कहा कि सेल की गुवा खदान से सबसे ज्यादा प्रभावित जोजोगुटु, राजाबेडा़, जामकुंडिया, बाईहातु के अलावे तितलीघाट आदि गांव है। हमारे गांवों के बेरोजगारों का अधिकार सबसे अधिक बनता है। हमारी उपेक्षा हम ग्रामीण बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर 500 में से 100 को भी रोजगार देने की बात अगर हुई होगी तो उसमें हम प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। इस बैठक में सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, राजाबेडा़ मुंडा जामदेव चाम्पिया, जोजोगुटु मुंडा कानुराम देवगम, जामकुंडिया मुंडा कुशु देवगम, राजेश सांडिल, मान सिंह चाम्पिया, देवेन्द्र देवगम, लेबेया सिधु, विजय सिधु, मंगल चाम्पिया, मधु सिधु, जिन्तु चाम्पिया, लक्ष्मण चाम्पिया, थोमस सुरीन, बगना सुरीन, संजय सुरीन, पवन चाम्पिया, जुरा चाम्पिया, रोतना चाम्पिया, मंगल हुरद, बामिया चाम्पिया आदि दर्जनों मौजूद थे।