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योगी सरकार ने धर्म परिवर्तन पर पेश किया सख्त विधेयक, जानें सजा के नए प्रावधान

न्यूज़ लहर संवाददाता

**उत्तर प्रदेश**: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया है। इस विधेयक के माध्यम से अवैध धर्मांतरण के मामलों में सजा को और कड़ा किया गया है, जिसमें अब अधिकतम सजा आजीवन कारावास तक बढ़ाई गई है।

पहले का प्रावधान

 

पहले, यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत अधिकतम 10 साल की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना था। यह कानून 2020 में एक अध्यादेश के रूप में लागू हुआ था और 2021 में विधानमंडल से पारित किया गया था।

नए विधेयक के प्रमुख प्रावधान

 

1. **सजा का कड़ा प्रावधान**: नए विधेयक में अवैध धर्म परिवर्तन के लिए अधिकतम सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है।

 

2. **शिकायत दर्ज करने का दायरा बढ़ाना**: पहले केवल पीड़ित और उनके परिवार के सदस्यों को शिकायत दर्ज करने की अनुमति थी, अब किसी भी व्यक्ति को इसकी अनुमति दी गई है।

 

3. **जमानत की शर्तें**: जमानत को और अधिक कठिन बनाया गया है, जिससे आरोपी को जल्दी रिहाई नहीं मिल सकेगी।

 

4. **धमकी और बल प्रयोग**: यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने के इरादे से किसी को डराता है, हमला करता है या बल का प्रयोग करता है, तो उसे कम से कम 20 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

 

5. **मुआवजा प्रावधान**: अदालत आरोपी द्वारा धर्म परिवर्तन के पीड़ित को 5 लाख रुपये तक का उचित मुआवज़ा देने का आदेश दे सकती है, जो जुर्माने के अतिरिक्त होगा।

 

6. **विदेशी धन का प्रावधान**: अवैध धर्म परिवर्तन के संबंध में किसी विदेशी या अवैध संस्था से धन प्राप्त करने पर कम से कम 7 साल की कठोर सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

 

7. **विशेष प्रावधान**: नाबालिग, विकलांग, मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति, महिला या अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति के संबंध में उल्लंघन करने पर 14 साल तक की कठोर सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

विधेयक का उद्देश्य

 

सरकार का तर्क है कि मौजूदा प्रावधान पर्याप्त नहीं हैं और इस विधेयक के माध्यम से अवैध धर्म परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। यह विधेयक महिलाओं की गरिमा और सामाजिक स्थिति की रक्षा करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

योगी सरकार का यह कदम समाज में धर्म परिवर्तन से संबंधित विवादों को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

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