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रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों पर राजनीतिक विवाद: भाजपा नेता देवेंद्र सिंह ने कांग्रेस और झामुमो पर लगाए गंभीर आरोप*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के सह प्रभारी हेमंता विश्वा सरमा के जमशेदपुर दौरे पर भाजपा जमशेदपुर के पूर्व जिला अध्यक्ष और भाजपा प्रदेश समिति के सदस्य देवेंद्र सिंह ने जमशेदपुर में बढ़ती जनसंख्या और सुरक्षा संबंधी समस्याओं को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर अवैध प्रवासियों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलों के सहयोग से हजारों की संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिम जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा और अन्य क्षेत्रों में मजदूरों के रूप में आकर बस गए हैं।

*मदरसों की बढ़ती संख्या और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल*

देवेंद्र सिंह ने दावा किया कि इन प्रवासियों की वजह से इन क्षेत्रों में मदरसों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से उपायुक्त का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का प्रयास किया गया है और इन अवैध प्रवासियों को चिन्हित कर उन्हें निकालने की मांग की गई है, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

*अपराध की बढ़ती घटनाओं पर चिंता*

देवेंद्र सिंह ने कहा, “इन क्षेत्रों में ब्राउन शुगर की तस्करी, छिनतई, लूटपाट, डकैती और हत्या जैसी अपराध की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि इन अपराधियों को कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त है, जो स्थिति को और भी गंभीर बना रहा है।

*राजनीतिक माहौल में उबाल*

इन आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। देवेंद्र सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के मंच से सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इस मुद्दे पर प्रशासन और सरकार का मौन रवैया जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

*स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया*

अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक दल इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या यह मामला केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा या प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करेगा, यह देखना बाकी है।

देवेंद्र सिंह के इन आरोपों ने निश्चित रूप से जमशेदपुर की राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है, और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। जनता और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर चर्चाएं तेज हो गई हैं, और सभी की नजरें प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।

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