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सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना की समीक्षा बैठक

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी **सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत जिले के सभी सुयोग्य लाभुकों को योजना से आच्छादित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त, अनन्य मित्तल, ने समाज कल्याण और शिक्षा विभाग के जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग (वी.सी) के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी सीडीपीओ, बीईईओ, और महिला पर्यवेक्षिका शामिल थे।

योजना का उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान कर ड्रॉप-आउट को रोकना है। योजना के तहत:

– *8वीं और 9वीं कक्षा* में पढ़ने वाली छात्राओं को *₹2,500* की आर्थिक सहायता दी जाती है।
– *10वीं, 11वीं, और 12वीं कक्षा* में पढ़ने वाली छात्राओं को *₹5,000* की आर्थिक सहायता दी जाती है।
– *18 या 19 वर्ष* की आयु प्राप्त करने पर, सरकार की ओर से एकमुश्त अनुदान के रूप में *₹20,000* प्रदान किए जाते हैं।

समीक्षा बैठक के निर्देश:

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने प्रखंडवार सरकारी स्कूलों में 8वीं से 12वीं तक नामांकित छात्राओं तथा 18 एवं 19 आयु वर्ग के बालिकाओं की संख्या के अनुपात में प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि:

– सभी विद्यालयों के प्राचार्य यह प्रमाण पत्र देंगे कि उनके विद्यालय की सभी सुयोग्य बालिकाएं योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं।
– सभी सीडीपीओ को अपने पोषक क्षेत्र के अंतर्गत कॉलेजों में भी 18 या 19 आयु वर्ग की बालिकाओं के पुनः सत्यापन का निर्देश दिया गया ताकि उन्हें भी एकमुश्त ₹20,000 की सहायता राशि प्रदान की जा सके।

प्राप्त आवेदनों की स्थिति:

समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिले का कुल लक्ष्य *55,000* है, जिसके विरुद्ध अब तक सभी प्रखंडों से *32,784* आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से *10,830* आवेदनों की जांच के बाद उन्हें समाज कल्याण कार्यालय में जमा किया गया है, जबकि शेष *21,954* आवेदनों का सत्यापन प्रखंड परियोजना कार्यालय में जारी है।

निर्देश और जबावदेही:

अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी सीडीपीओ और बीईईओ को एक सप्ताह का समय दिया गया है ताकि वे आपस में समन्वय बनाते हुए योजना में शत-प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित करें। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि कोई भी सुयोग्य बालिका योजना का लाभ लेने से वंचित नहीं रहनी चाहिए, अन्यथा संबंधित सीडीपीओ, बीईईओ और स्कूल के प्राचार्य की जबावदेही तय की जाएगी।

इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले की सभी योग्य बालिकाओं को योजना का लाभ मिले और वे अपनी शिक्षा को निर्बाध रूप से जारी रख सकें।

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