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हुडू डुमरा सड़क की दुर्दशा पर भाजपा नेताओं ने कीचड़ भरी सड़क पर धान की रोपाई*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
*झारखंड:* सरायकेला खरसावां जिला स्थित हुडू डुमरा सड़क की बदतर स्थिति और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ हुडू डुमरा सड़क निर्माण संघर्ष समिति ने सोमवार को एक अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेता रमेश हंसदा के नेतृत्व में क्षेत्रीय लोगों ने कीचड़ से भरी सड़क पर धान की रोपाई की, ताकि प्रशासन का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर खींचा जा सके।

इस प्रदर्शन में भारी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए, जिनमें रामू सरदार, मनसा मुर्मू, प्रकाश सरदार, बिशु महतो, रमेश सरदार, गणेश सरदार, मानिक सरदार, सोनाराम टुडू, राजन महतो, कालिदास मुर्मू, कारण सरदार, महेश सरदार, राजू दास, राजीव दास, शिव चरण सरदार, पंकज दास और गौर मुखी आदि शामिल थे। सभी ने एकजुट होकर क्षेत्र की जर्जर सड़क की समस्या को सामने रखा।

रमेश हंसदा ने कहा, “लगातार दो वर्षों से इस इलाके के लोग सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय विधायक चंपई सोरेन, जो पहले मंत्री और मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, इस समस्या के समाधान में असफल रहे हैं। कई बार सड़क निर्माण के झूठे वादे किए गए, लेकिन हर बार लोगों को निराशा ही हाथ लगी।”

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क की दुर्दशा के कारण उन्हें दैनिक जीवन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में सड़क की हालत और भी खराब हो जाती है, जिससे आवागमन लगभग असंभव हो जाता है।

हंसदा ने आगे कहा, “हमने इस विरोध प्रदर्शन के जरिए प्रशासन को यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर हमारी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो हम अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।”

यह विरोध प्रदर्शन क्षेत्र के लोगों की नाराजगी और प्रशासन से उनकी उम्मीदों का प्रतीक है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तत्काल सड़क निर्माण की मांग की है, ताकि उन्हें आने-जाने में सहूलियत मिल सके और उनका जीवन आसान हो सके।

*पृष्ठभूमि और समस्या का विवरण:*

हुडू डुमरा सड़क लंबे समय से जर्जर हालत में है। स्थानीय प्रशासन की उदासीनता और वादों के बावजूद, इस सड़क का निर्माण नहीं किया गया है। बारिश के दौरान, सड़क कीचड़ से भर जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से क्षेत्र के निवासियों में गहरा असंतोष है, जो सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

*आगे की राह:*

इस प्रदर्शन के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। क्षेत्रीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे और भी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जनता की आवाज को अनसुना करना प्रशासन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।

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