विश्व आदिवासी दिवस पर सिदगोड़ा में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखण्ड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर टाउन हॉल, सिदगोड़ा में एक भव्य जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बन्ना गुप्ता, माननीय मंत्री, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण, खाद्य आपूर्ति, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग, झारखंड ने भाग लिया।
कार्यक्रम में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल, वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, पीडी आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एएमसी मानगो नगर निगम रंजीत लोहरा, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेन्द्र गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
आदिवासी संस्कृति का उत्सव
कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति और परंपरा की झलक देखने को मिली। दर्शकों से खचाखच भरे सभागार में स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य, नुक्कड़ नाटक, संताली नृत्य, छऊ नृत्य और बाहा नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई, जिसके बाद पारंपरिक नृत्य और वाद्य यंत्रों के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया।
सरकारी योजनाओं का वितरण
इस अवसर पर, विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभुकों के बीच स्वीकृति पत्र एवं परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। माननीय मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, वन पट्टा, सर्वजन पेंशन, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, और स्वयं सहायता समूह को क्रेडिट लिंकेज जैसी योजनाओं के 30 लाभुकों को सम्मानित किया गया।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर
बन्ना गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्रों में प्रगति के पथ पर अग्रसर होना है। उन्होंने आदिवासी संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। मंत्री ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों जैसे भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, और चांद भैरव को याद करते हुए सभी से उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील की।
प्रशासन की पहल
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि यह दिवस आदिवासी परंपराओं और संस्कृति के प्रति प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी भाई-बहनों की समृद्धि के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिन्हें जिला प्रशासन समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
समाज की जागरूकता
वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने कहा कि समाज तब जागरूक होता है जब आम जनता अपने अधिकारों को समझती है और उन्हें प्राप्त करती है। उन्होंने इस दिन को आदिवासी परंपरा और संस्कृति के लिए गौरव का अवसर बताया।
कार्यक्रम में विभिन्न आवासीय विद्यालयों के बच्चे, अभिभावक, और विभिन्न योजनाओं के लाभुक शामिल हुए, जिससे यह कार्यक्रम एक यादगार अनुभव बन गया। आदिवासी खानपान के स्टॉल भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे, जो कार्यक्रम की विविधता को और बढ़ाते हैं।