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वन विभाग गुवा द्वारा 75 वां वन महोत्सव गुवा साई देशाउली सरना स्थल में मनाई गई शिक्षा के अभाव में बच्चों का जीवन अंधकार मय हो जाता है – विधायक सोनाराम सिंकू राजगीर वन क्षेत्र की तरह सारंडा वन को विकसित किया जाएगा -अविरुप सिन्हा

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखण्ड: पश्चिम सिंहभूम जिला में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग झारखण्ड सरकार के अन्तर्गत वन विभाग गुवा द्वारा 75 वां वन महोत्सव – 2024 गुवा साई देशाउली गुवा साई, सरना स्थल में मनाई गई।मुख्य अतिथि विधायक जगन्नाथपुर विधानसभा सोनाराम सिंकु एवं विशिष्ट अतिथि सुश्री देवकी कुमारी जिला परिषद सदस्या, नोवामुण्डी भाग- 1 की
अध्यक्षता एवं डीसी सी आई एस एफ रोहित सहारे,


एजेन्ट माईन्स, टाटा स्टील राजीव कुमार, सेल गुवा मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर, आईएफएस संलग्न पदाधिकारी नीतीश कुमार, सारण्डा वन प्रमण्डल, अविरुप सिन्हा एव मुखिया गुवा पूर्वी श्रीमति चाँदमुनी लागुरी के अगुआई मे कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई । कार्यक्रम
मे मुख्य अतिथि विधायक जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के सोनाराम सिंकु ने कहा कि वर्तमान परिवेश में जंगल महत्वपूर्ण है।उन्होंने बताया कि सारंडा क्षेत्र में पेड़ लगाया जा रहा है ।यह बहुत ही अच्छी बात है कि हम सबों के लिए पूजा स्थल सरना में पेड़ लगाई जा रही है । क्षेत्र के अन्य सरना स्थल की खोज कर वहां भी पौधारोपण किया जाना चाहिए ।

वर्तमान में इस तरह के पौधों को लगाना भी आवश्यक है जो एक साथ तीन तरह का मुनाफा देता हो ।महुआ का पेड़ के फल, फूल के साथ बीज की भी बिक्री की जा सकती है ।पेड़ पौधे मनुष्य के शरीर पर पड़ने वाले प्रदूषण से बचाव करता है ।वृक्ष नहीं रहने प्रदूषण सीधे मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है।परिवार के प्रत्येक सदस्यों को वर्ष में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए ।वर्तमान परिवेश में एक मनुष्य की आयु भी विभिन्न प्रकार की बीमारियो के कारण कम होती जा रही है । मनुष्य को बीमारियों से बचने के लिए भी पौधों को लगाना अत्यंत आवश्यक है उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षा का भी एक अलग महत्व है शिक्षित व्यक्ति अपने आप को हर तरह की समस्याओं से निकाल आगे की ओर बढ़ने की क्षमता रखता है ।बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए ।

शिक्षा के अभाव में बच्चों का जीवन अंधकार मय हो जाता है ।अशिक्षित व्यक्ति समाज और संस्कृति को नहीं जान सकता है।साथ ही साथ अनपढ़ व्यक्ति समाज के प्रबुद्ध पांच व्यक्तियों के बीच नहीं बैठ सकता है ।अनपढ़ व्यक्ति के लिए दूरस्थ स्थानों में जाने के बाद वहां से उसके लौट पाना भी संभव सक्षम नहीं हो पाता है।सारण्डा वन प्रमण्डल डीएफओ चाईबासा अविरुप सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में वन हमारे लिए जीने का लहजा है । यहाँ मेडिकल की जरूरत नहीं के बराबर पड़ती है । हमारे जीवन का धारा फारेस्ट बेस्ट होनी चाहिए । टूरिज्म के क्षेत्र मेंभी अगर बड़ा बढ़ावा दिया जाए तो सारंडा सबसेआगे होगा लेकिन अभी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है । उन्होंने बिहार राज्य के नालंदा जिला के राजगीर की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां जंगल सफारी जैसे कई दर्शनीय क्षेत्रों को राजगीर वन क्षेत्र मे बनाया गया है ।जिससे वहां के जंगल क्षेत्र मे रहने वाले लोग लाभान्वित हो रहे हैं ।

सारंडा वन क्षेत्र को विकसित किया जाए तो यह उससे भी आगे अपनी पहचान बन सकता है ।विशिष्ट अतिथि जिला परिषद सदस्या सुश्री देवकी कुमारी ने कहा किवन में फूल हंसते हैंतथा बगीचे में फूल खिलते हैं ।प्रकृति प्रकृति के गोद में पेड़ पौधे सौभाग्य रूप से खिलते हुए दिखाई देते हैं ।प्राकृतिक के साथ हमें खिलवाड़ नहीं करनी चाहिए ।सेल गुवा मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर ने कहा कि यह प्रत्येक मनुष्य की जवाब देही है कि वह पर्यावरण और वन की महत्ता को समझें ।आगे वाले आने वाले दिनों में समाज को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों को निरंतर किया जाना चाहिए ।डीसी सीआईएसएफ रोहित सहारे,


एजेन्ट माईन्स, टाटा स्टील के राजीव कुमार एवं आईएफएस संलग्न पदाधिकारी नीतीश कुमार नेअपने विचारों के माध्यम सेवन एवं पर्यावरण की महत्व बता पेड़ को बचाने एवं प्रति वर्ष पौधों को लगाने हेतु प्रेरित किया । कार्यक्रम के दूसरे चरण मे अतिथियों को पौधारोपण स्थल तक पूरे गाजे-बाजे सबो को ले जाया गया। पौधारोपण स्थल तक जाना है और पौधारोपण के बाद वापस मंच पर आना सराहनीय रहा
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन वन क्षेत्र पदाधिकारी परमानंद रजक के द्वारा की गई ।

आगन्तक तिथियो का आगमन पर वन विभाग के द्वारा स्वागत पारंपरिक नृत्य कर क्षेत्रीय आदिवासी बच्चों द्वारा की गई। रेंजर परमानन्द रजक, राम नन्दन राम एवं शंकर भगत द्वारा अतिथियों को स्वागत के दौरान पौधा गिफ्ट रूपी प्रदान की गई ।

मंच संचालक वनरक्षी छोटे लाल मिश्रा ने कहा कि वन महोत्सव की भूमिका के तहत घाटकुड़ी क्षेत्र में 5000 पौधे लगाए जा चुके हैं। कार्यक्रम में स्थानीय दर्जनों ग्रामीणो को देखा गया ।ग्रामीणों की अगुवाई में सरना स्थल में दर्जनों पौधों को लगाया गया ।

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