ईचा डैम के विस्थापितों का आक्रोश: हेमंत सोरेन सरकार की निकाली शव यात्रा**
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखण्ड: पश्चिम सिंहभूम जिला में ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान के तत्वावधान में रविवार को तीरिंग प्रखंड के मुड़ादा गांव में झारखंड और उड़ीसा के सीमावर्ती क्षेत्रों में जन जागरण सह जनांदोलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण मुंडा घनश्याम सामड ने की, जिसमें झारखंड और उड़ीसा के प्रभावित ग्रामीणों और विस्थापितों ने भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बुड़ीउली ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ शव यात्रा का यह आयोजन केवल एक शुरुआत है।
पूरे कोल्हान क्षेत्र में शव यात्राएं निकालकर सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने आदिवासी मूलवासी समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है और उनके साथ विश्वासघात किया है।
बुड़ीउली ने सभा के दौरान ईचा डैम आंदोलन से संबंधित जानकारियाँ साझा करते हुए ग्रामीणों से संयुक्त आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि संघर्ष यात्रा और बदलाव यात्रा के माध्यम से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कोल्हान के लोगों को धोखा दिया है। हेमंत सोरेन सरकार ने डैम को रद्द न करके 87 गांवों के प्रभावितों के साथ विश्वासघात किया है, और यह केवल राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने का एक साधन बन गया है।
सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के तहत डोकोडीह, चिपीडीह, टूपीबेड़ा, कुलुगुटु, रामबेड़ा, नंदुआ, और मुड़ादा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जल संसाधन मंत्री चंपाई सोरेन, आदिवासी कल्याण मंत्री दीपक बिरुवा, और विधायक निरल पुरती के खिलाफ शव यात्राएं निकाली गईं। इस आंदोलन में मुख्य रूप से सुरेश सोय, हरीश चंद्र अल्डा, रेयांस सामड, श्याम कुदादा, गुलिया कालुंडिया, बिरसा गोडसोरा, रविंद्र अल्डा, कृष्ण चंद्र बांडरा, मनसा बोदरा, सुनील बाड़ा, संजीव कुमार सामड, पन्नालाल सामड, जगन्नाथ महाकुड, सोमनाथ कालुंडिया, मोती लाल कालुंडिया, गंगाधर सामड, घनश्याम सामड, सीता सामड और अन्य आंदोलकारी शामिल थे।