झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रदर्शन: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ उठी आवाज
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखण्ड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की पूर्वी सिंहभूम जिला समिति ने शुक्रवार को झारखंडी मार्च का आयोजन किया। इस मार्च का नेतृत्व विधायक और जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने किया, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों और झारखंड को उसके अधिकारों से वंचित किए जाने के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
केंद्र सरकार पर आरोप
विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की नीतियों और कार्यक्रमों में झारखंड की हमेशा उपेक्षा की गई है, और भोले-भाले झारखंडी जनों के हक, अधिकार एवं सम्मान को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। सोरेन ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की झारखंड विरोधी मानसिकता और उसके दोहरे चरित्र के खिलाफ पार्टी के विरोध का निर्णय लेने की बात कही।
बारिश के बावजूद कार्यकर्ताओं का उत्साह
सुबह 11 बजे से सभी कार्यकर्ता साकची आम बगान मैदान में इकट्ठा हुए। हालांकि, कुछ समय बाद बारिश शुरू हो गई, जिससे कार्यकर्ता थोड़ी देर के लिए तितर-बितर हो गए। लेकिन बारिश रुकने के बाद सभी कार्यकर्ता फिर से जुट गए और पैदल मार्च निकाला।
जन प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति
विरोध मार्च में अन्य जन प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन कोई विधायक उपस्थित नहीं हुआ।
हालांकि, रामदास सोरेन जिलाध्यक्ष होने के नाते वहां मौजूद रहे। उनके साथ 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के मोहन कर्मकार, वरिष्ठ नेता प्रमोद लाल, सुनील महतो, सागेन पुर्ति, महाबीर मुर्मू, नीता सरकार, कमलजीत कौर गिल, पलटन मुर्मू समेत अन्य कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
उपायुक्त को सौंपा मांग पत्र
मार्च के अंत में, उपायुक्त कार्यालय पहुंचने के बाद, जिलाध्यक्ष सह विधायक रामदास सोरेन के नेतृत्व में एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया। इस मांग पत्र में झारखंड के अधिकारों की रक्षा और केंद्र सरकार की नीतियों में सुधार की मांग की गई है।
इस प्रदर्शन ने झारखंड की राजनीतिक स्थिति को एक बार फिर से उजागर किया है और यह दर्शाया है कि राज्य के लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तत्पर हैं।