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सच्चे सिख की भांति तनख्वाह लगवाएं सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब कौम के दोषियों पर कार्रवाई करे

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखण्ड  जमशेदपुर : राष्ट्रीय सनातन सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री तथा अकाली दल बादल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को सलाह दी है कि वह सच्चे सिख की भांति तनख्वाह लगवा कर पंथ और संगत के समक्ष नजीर पेश करें।

वही कुलविंदर सिंह ने सिक्खों के सर्वोच्च धार्मिक पीठ श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार ज्ञानी रघुवीर सिंह से आग्रह किया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में कौम एवं पंथ की भावनाओं से खेलने वाले तथाकथित धार्मिक नेताओं पर भी कार्रवाई करें। जो अपने पद और पैसे के बल पर धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ा रहे हैं और जिनकी कथनी करनी में अंतर है।

उन्होंने अपने द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी शिकायत का हवाला देते हुए कहा है कि जब सच्चे पातशाह श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने धीरमलियों के साथ किसी तरह से संबंध रखने से मना किया है तो ऐसे लोगों को गुरुद्वारा साहिब प्रबंधन की कमान कैसे सौंप दी जाती है? जमशेदपुर में ऐसा हुआ है।

तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी पटना के जत्थेदार ने साधारण तनख्वाह (दंड) लगा कर वैसे लोगों को माफी नामा दे दिया, जिनके साथ किसी भी सिख को रोटी बेटी का संबंध नहीं रखना है।

कुलविंदर सिंह के अनुसार पथिका मर्यादा के खिलाफ काम करने वाले लोगों को तनख्वाह लगाई जाती है। महाराजा रणजीत सिंह , राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला आदि तनख्वाह लगवा चुके हैं और उन्होंने पंथिक नींव को मजबूत करने का काम किया। यही काम आप सुखबीर सिंह बादल को करना है।

सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ आरोप लगे हैं कि बाबा राम रहीम को माफी दिलाने में उनकी भूमिका रही है। बरगाड़ी में बेअदबी के दोषियों और कोटकपूरा और बेहबल कलां गोलीकांड में पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने में असफल रहने तथा विवादित आईपीएस अधिकारी सुमेध सिंह सैनी को पंजाब का डीजीपी बनाने जैसे लिखित आरोप लगाए गए।उन पर आए जवाब से असंतुष्ट पांच सिंह साहिबानों ने तनखईया करार दिया तथा 15 दिनों के भीतर पेश होने का आदेश दिया है।

 

पांच सिंह साहिबान में ज्ञानी रघुवीर सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केशगढ़ साहब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह, श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी बलजीत सिंह और श्री अकाल तख्त साहब के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह शामिल थे।

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