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भारत में भारी बारिश और बाढ़: तेलंगाना, राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थिति गंभीर

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

नई दिल्ली:देशभर के कई राज्यों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है, जिसमें तेलंगाना सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। राज्य में 31 अगस्त से हो रही भारी बारिश के कारण 29 जिलों में बाढ़ आ गई है। इस प्राकृतिक आपदा के चलते अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, और आर्थिक नुकसान का आंकड़ा 5,438 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।

राजस्थान में बारिश का रिकॉर्ड

 

राजस्थान में इस मानसून सीजन में 1 जून से 7 सितंबर तक कुल 626.7 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश (398.5 मिमी) से 57% अधिक है। शनिवार को हुई तेज बारिश के कारण अजमेर और जयपुर की कई सड़कों पर पानी भर गया। जयपुर में लोगों को 30 किमी का सफर तय करने में 6 घंटे से ज्यादा समय लग गया। अजमेर का पुष्कर लेक का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे लेक के 52 घाट पानी में डूब गए हैं।

मध्य प्रदेश में येलो अलर्ट

 

मौसम विभाग ने रविवार (8 सितंबर) को मध्य प्रदेश समेत 18 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। येलो अलर्ट की दो कैटेगरी हैं: एक में भारी बारिश की संभावना है और दूसरी में हल्की बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी है। रायसेन, राजगढ़, इंदौर, उज्जैन जैसे 23 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

पश्चिम बंगाल में मछुआरों के लिए चेतावनी

 

पश्चिम बंगाल में मौसम विभाग ने 8 से 10 सितंबर तक मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी जारी की है। यहां 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है। 9-10 सितंबर को पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर-दक्षिण 24 परगना और झारग्राम में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

 

आगे की संभावनाएं

 

मौसम विभाग ने 9 सितंबर को मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मानसून ट्रफ और लो प्रेशर एरिया की वजह से मध्य प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा। रविवार को शिवपुरी, श्योपुर समेत 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है, और 11 सितंबर से प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होने की संभावना है।

 

निष्कर्ष

 

इन हालातों में, स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। राहत कार्यों को तेज करना और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। सभी को सुरक्षित रहने और मौसम की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी जाती है।

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