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जमशेदपुर में बड़ा चिटफंड घोटाला: करोड़ों की धोखाधड़ी से निवेशकों को भारी नुकसान

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता झारखंड।

जमशेदपुर में एक बड़े चिटफंड घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें राज तनी टोपनो और सुभाज्या टोपनों द्वारा चिटफंड के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। इस घोटाले में आम जनता से बड़ी मात्रा में धन एकत्रित किया गया, जिससे कई लोगों की जीवनभर की कमाई डूब गई है।

इस चिटफंड योजना के तहत, आरोपियों ने स्थानीय लोगों को ज्यादा मुनाफे का लालच देकर उन्हें अपनी योजनाओं में निवेश करने के लिए उकसाया। कई लोगों ने अपने भविष्य की योजनाओं और आशाओं को देखते हुए अपनी जमा पूंजी इस स्कीम में निवेश कर दी, लेकिन जब समय पर उन्हें उनका लाभ नहीं मिला, तब उन्हें इस बड़े घोटाले का एहसास हुआ।

शिकायतें और न्यायालय की कार्रवाई पीड़ितों द्वारा न्याय की गुहार लगाने के बाद, कई शिकायतें न्यायालय में दायर की गई हैं, जिनमें प्रमुख नाम पूनम सिंह और अन्य शिकायतकर्ताओं का है। कई मामलों में न्यायालय में सुनवाई चल रही है, लेकिन आरोपियों के खिलाफ अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।

इन शिकायतों में आरोपी राज तनी टोपनो और सुभाज्या टोपनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक इन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे पीड़ितों में निराशा और असंतोष बढ़ता जा रहा है।

प्रशासन की निष्क्रियता इस बड़े घोटाले के खुलासे के बावजूद, प्रशासन की निष्क्रियता ने स्थानीय जनता में गुस्से को और भड़का दिया है। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है, और इसी कारण से अब तक आरोपियों को सलाखों के पीछे नहीं भेजा गया है।

 

निष्कर्ष जमशेदपुर में हुआ यह चिटफंड घोटाला शहर के कई परिवारों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। इस घोटाले ने न केवल लोगों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि प्रशासन और न्याय व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और न्यायालय इस मामले में कब तक उचित कार्रवाई करेंगे और पीड़ितों को न्याय दिलाने में सफल होते हैं। स्थानीय जनता का मांग है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

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