आदिवासी उरांव समाज संघ ने मनाई कारगिल शहीद राम भगवान केरकेट्टा की 25वीं पुण्यतिथि
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।चाईबासा में आज कारगिल शहीद राम भगवान केरकेट्टा जी की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आदिवासी उरांव समाज संघ, चाईबासा के पदाधिकारी सहित सदस्यों ने पोस्ट ऑफिस चौक में स्थित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष के संचु तिर्की की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित की गई। मौके पर उन्होंने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे समाज के लिए खुशी की बात है कि हमारा समाज से जुड़ा एक हमारा भाई जो देश के लिए लड़ते हुए अपनी प्राण की आहुति दी। दुख इस बात की है कि उसके जैसे सच्चे वीर को हम अब नहीं पा सकते हैं, लेकिन हम उनसे प्रेरणा लेते हुए आगे हमारे समाज से जुड़े नव युवकों को देश सेवा हेतु प्रेरित कर सकते हैं। उन्हें आगे बढ़ा सकते हैं। मौके पर समाज के सलाहकार सदस्य बाबूलाल बरहा ने कहा कि कारगिल शहीद राम भगवान केरकेट्टा एक वीर सैनिक तो थे ही, साथ ही साथ वे एक फुटबाल प्रेमी थे।
ज्ञातव्य है कि हमारा उरांव समाज खेल एवं सांस्कृतिक संस्थान के तत्वाधान में कर्मा त्यौहार के उपलक्ष में पिछले 40 वर्षों से फुटबॉल का आयोजन यहां स्थानीय एसोसिएशन मैदान में होता आया है। कारगिल शहीद राम भगवान केरकेट्टा उस प्रतियोगिता में अवश्य भाग लेते थे, चाहे उनकी पोस्टिंग कहीं भी रही हो, वे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए चाईबासा आते थे, और इस प्रतियोगिता को सफल बनाते थे। उन्हें श्रद्धांजलि स्वरुप जब वे कारगिल शहीद 13 सितंबर 1999 को पाकिस्तान के विरुद्ध लड़ते हुए देश सेवा में अपनी शहादत दी थी, उन्हें श्रद्धांजलि देने हेतु समाज ने इस खेल प्रतियोगिता को उनके नाम समर्पित कर दिया।
जो आज शहीद राम भगवान क्रिकेटर करमा पर्व द्वि दिवसीय फुटबॉल एवं खेल प्रतियोगिता के नाम से जाना जाता है। आज उरांव समाज के तमाम पदाधिकारी गण उनके परिवार और सदस्य गण एकत्रित होकर पोस्ट ऑफिस चौक में उनकी प्रतिमा के समक्ष उन्हें उनके 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित किए। आज के इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाज के सचिव अनिल लकड़ा, मुख्य सलाहकार सदस्य में से सहदेव किस्पोट्टा,
उपाध्यक्ष लालू कुजूर,के साथ शहीद केरकेट्टा के परिवार से उनके जेष्ठ पुत्र दीपक केरकेट्टा सहित उनके परिवार के सदस्य गण के अलावे सदस्यों में भरत कुजूर, कृष्णा टोप्पो, भारत खलखो, पंकज खलखो, लक्ष्मी बरहा, लक्ष्मी कच्छप, विजय लक्ष्मी लकड़ा, दुर्गा खलखो, बुधराम कोया, राजकमल लकड़ा सहित समाज के सभी सदस्य गण उपस्थित थे।