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हिंदू मतलब विश्व का सबसे उदारतम मानव”: संघ प्रमुख भागवत

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि “हिंदू” का अर्थ है “विश्व का सबसे उदारतम मानव,” जो सभी के प्रति सद्भावना रखता है। उन्होंने अलवर में एक कार्यक्रम में यह बयान दिया।

छुआछूत और ऊंच-नीच की भावना को मिटाने की आवश्यकता

 

भागवत ने कहा, “हम अपने धर्म को भूल कर स्वार्थ के अधीन हो गये, इसलिए छुआछूत चला। ऊंच-नीच का भाव बढ़ा, हमें इस भाव को पूरी तरह मिटाना है।” उन्होंने स्वयंसेवकों से सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, और नागरिक अनुशासन को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

संघ का कार्य अगले वर्ष सौ वर्ष पूरा होगा

 

भागवत ने कहा कि अगले वर्ष संघ का कार्य सौ वर्ष पूरा होगा, और यह समाज की उन्नति के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज देश का “कर्ताधर्ता” है, और राष्ट्र की प्रगति का सीधा संबंध हिंदू समाज के गौरव से है।

पर्यावरण संरक्षण पर जोर

 

कार्यक्रम के अंत में, भागवत ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए वृक्षारोपण किया। इस दौरान केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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