सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई, अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को
न्यूज़ लहर संवाददाता
*नई दिल्ली:* सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगाने का निर्देश दिया है। यह निर्णय उन याचिकाओं के आधार पर लिया गया है, जिनमें आरोप लगाया गया था कि विभिन्न राज्यों में दंडात्मक उपाय के तहत आरोपी व्यक्तियों की इमारतों को ध्वस्त किया जा रहा है। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी, जहां कोर्ट सभी पक्षों को सुनकर बुलडोजर कार्रवाई के संबंध में दिशा-निर्देश बनाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 1 अक्टूबर तक बिना उसकी अनुमति के देश में कहीं भी बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। हालांकि, सड़क, फुटपाथ या रेलवे लाइन को रोककर किए गए अवैध निर्माण पर यह निर्देश लागू नहीं होगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए यह निर्देश पारित किया है।
याचिकाकर्ता की चिंताएं
याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाकर बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि कम से कम 45-60 दिन पहले डिमोलिशन का नोटिस दिया जाए ताकि प्रभावित व्यक्तियों को अपनी बात रखने का अवसर मिल सके।
सॉलिसिटर जनरल का विरोध
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अधिकारियों के हाथ इस तरह से नहीं बांधे जा सकते हैं। हालांकि, पीठ ने नरमी बरतने से इनकार करते हुए कहा कि अगर एक सप्ताह के लिए तोड़फोड़ रोक दी जाए तो ‘आसमान नहीं गिर जाएगा’।
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गंभीरता से विचार कर रहा है और सभी पक्षों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उचित दिशा-निर्देश तैयार करेगा।