_RG Kar Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द, अब डॉक्टर की प्रैक्टिस नहीं पाएंगे_*
न्यूज़ लहर संवाददाता
कोलकाता: वित्तीय गड़बड़ी मामले में गिरफ्तार आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. बुधवार को हुई बैठक के बाद पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने यह निर्णय लिया. गुरुवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई. मेडिकल काउंसिल के इस फैसले के बाद संदीष घोष अब डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस नहीं सकेंगे.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद कई आरोपों को सामने कर रहे घोष को पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार ने पद से निलंबित कर दिया था. अब मेडिकल काउंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन रद्द करने से डॉक्टर के तौर पर उनकी पहचान खत्म हो गई और इस फैसले से आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को राहत मिली है.
जूनियर डॉक्टरों ने शुरू से ही संदीप घोष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी. 2 सितंबर को घोष को भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था और फिर 14 सितंबर को सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूत मिटाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया.
इसके बाद से ही सीनियर डॉक्टर संदीप घोष का पंजीकरण रद्द करने की मांग कर रहे थे. मेडिकल काउंसिल ने घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब घोष को तीन दिन के भीतर देना था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. इसके बाद आईएमए ने सवाल उठाया कि उनका पंजीकरण रद्द क्यों नहीं किया गया. इसके बाद बुधवार को मेडिकल काउंसिल की बैठक हुई. इसमें पंजीकरण रद्द करने का निर्णय लिया गया. इसके बाद गुरुवार को उनका पंजीकरण रद्द करने की अधिसूचना जारी की गई.
जूनियर डॉक्टर रूमेलिका कुमार ने कहा, “पहले दिन से ही हम कह रहे हैं कि संदीप घोष धमकी संस्कृति के नेताओं में शामिल हैं. लेकिन हमें समझ में नहीं आया कि उनका पंजीकरण रद्द करने में 40 दिन क्यों लग गए. लेकिन हम इतना कह सकते हैं कि सदबुद्धि की जीत हुई.” हालांकि, वरिष्ठ डॉक्टरों की मांग है कि न केवल घोष, बल्कि पूरी मेडिकल काउंसिल को भंग कर देना चाहिए.