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अब तो चाकलेट भी बम के रूप में फट रहें है:लेबनान में बम धमाकों और चॉकलेट बम का खौफनाक प्रयोग

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे युद्ध के बीच, लेबनान में लगातार दो दिनों तक बम धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं। इन धमाकों के पीछे इजरायल की शातिर साइबर यूनिट-8200 का हाथ बताया जा रहा है, जिसने हिजबुल्लाह को सबक सिखाने के लिए कई हमलों को अंजाम दिया। इन घटनाओं ने लेबनान में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, और इस बीच कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

चॉकलेट बम का खौफनाक प्रयोग

 

हाल ही में, एक वीडियो में रूस के एक सैनिक ने चॉकलेट बम का डेमो देते हुए दिखाया कि कैसे चॉकलेट के अंदर छोटे आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को रखकर उसे पैक किया जा सकता है। इस वीडियो में सैनिक ने बताया कि जब कोई व्यक्ति चॉकलेट को अपने दांतों से दबाता है, तो आईईडी सक्रिय होकर फट जाती है, जिससे गंभीर चोटें आ सकती हैं।

हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया

 

इस बीच, हिजबुल्लाह के प्रमुख ने मोबाइल फोन से नफरत जताई है और पेजर के प्रति अपनी विशेष रुचि का खुलासा किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि हिजबुल्लाह ने स्मार्टफोन के दौर में भी पेजर और वॉकी-टाकी का उपयोग करना शुरू किया था ताकि वे इजरायली सर्विलांस से बच सकें।

इजरायल की रणनीति

 

इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह की पेजर और वॉकी-टाकी खरीदने की योजना को भांप लिया था। इसके बाद, इन उपकरणों में आईईडी और आरडीएक्स जैसी विस्फोटक सामग्री को सावधानीपूर्वक फिट किया गया। जब मौका मिला, तो इन उपकरणों पर बम विस्फोट कर दिए गए, जिससे हिजबुल्लाह को भारी नुकसान हुआ।

 

वैश्विक सुरक्षा पर असर

 

इन घटनाओं ने वैश्विक सुरक्षा एजेंसियों को भी चिंतित कर दिया है। दुनिया भर की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने इस पर शोध करना शुरू कर दिया है कि ये धमाके किस प्रकार अंजाम दिए गए और भविष्य में ऐसे हमलों से कैसे निपटा जाए।

इस तरह की घटनाएं न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करती हैं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा पर भी गहरा असर डालती हैं। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता जा रहा है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभिन्न देशों की सुरक्षा रणनीतियों में क्या बदलाव आते हैं।

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