सांसद विद्युत वरण महतो ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट निर्माण के लिए की चेयरमैन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मुलाकात
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने आज नई दिल्ली में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के चेयरमैन एम. सुरेश से मुलाकात की और धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया कि 24 जनवरी 2019 को धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिए भूमि पूजन संपन्न हो चुका है, जिसमें तत्कालीन केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय विमानन सचिव आर.एन. चौबे, और सांसद विद्युत महतो की उपस्थिति में कार्यक्रम हुआ था।
सांसद महतो ने बताया कि एयरपोर्ट निर्माण का कार्य झारखंड सरकार से वन और पर्यावरण संबंधी स्वीकृति नहीं मिलने के कारण रुका हुआ था। हालांकि, 24 जुलाई 2024 को झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने आवश्यक स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब धालभूमगढ़ हवाई अड्डे के विकास हेतु 99.256 हेक्टेयर वनभूमि के अपयोजन का प्रस्ताव भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है, जिससे एयरपोर्ट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
एयरपोर्ट निर्माण के लिए त्रिपक्षीय बैठक का सुझाव
सांसद महतो ने चेयरमैन एम. सुरेश से आग्रह किया कि इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाए, जिसमें राज्य सरकार, नागरिक उड्डयन विभाग, और वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी शामिल हों। इस बैठक में एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित सभी अड़चनों का हल निकालने की आवश्यकता है। चेयरमैन सुरेश ने इस सुझाव पर सहमति जताते हुए कहा कि जल्द ही एक बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष, जमशेदपुर के सांसद, पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त, झारखंड सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक एस.पी. सिन्हा, और वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे।
नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक की सहमति
बैठक के दौरान झारखंड सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक एस.पी. सिन्हा से भी चर्चा हुई, जिन्होंने एयरपोर्ट निर्माण से जुड़े सभी विषयों पर अपनी सहमति व्यक्त की।
इस महत्वपूर्ण बैठक में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक नंदिता भट्ट और महाप्रबंधक शांतनु फलनिकर भी उपस्थित थे।