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पीएलवी सामाजिक गतिविधियों के क्रियान्वयन का बेहतर माध्यम, और सुलभ होगी विधिक सेवाएं– बिनोद कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार मौहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के द्वारा कानूनी सेवाओं को निशुल्क जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से अर्ध विधिक स्वयं सेवकों (पीएलवी) के चयन की प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात प्रशिक्षण कार्यक्रम के दुसरे दिन

बिनोद कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तथा राजीव कुमार सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने विभिन्न विषयों और कानूनों पर उन्हें प्रशिक्षण दिया।

नव चयनित स्वयंसेवकों ने इस दौरान कई सवाल भी पूछे, श्री कुमार ने उन्हें संबोधित करते हुए भारतीय न्याय संहिता की जानकारी देते हुए, गिरिफ्तारी की दशा में ज़मानत के प्रावधानों और कारा में बंदियों के अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की।

उन्होनें कहा कि प्राधिकार के द्वारा संपादित कार्यों में पी एल वी की भूमिका अहम है।

तकनीकी सत्र के दौरान प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने सभी प्रतिभागियों को श्रम अधिनियम न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम 1948,

असंगठित मजदूर के कल्याण हेतु लागू कानून और उनके हित के लिए विविध प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी, उन्हें अंतरराज्यीय प्रवास पर नियमों,

ई निबंधन कार्ड, नालसा की योजनाओं और उसके द्वारा प्रदत्त सुविधाओं के बारे में भी बताया और स्वयंसेवक के रूप में पालन किए जाने वाले नियमों से अवगत कराया।

प्राधिकार के सदस्य विकास दोदराजका ने भी उन्हें पी एल वी के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए कई उल्लेखनीय कार्यों का वर्णन किया और पी एल वी के रूप में कार्य करने के नियम कायदे से अवगत कराया और उन्हें अनुशासन और नैतिकता पर चलने को प्रेरित किया।

उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने प्रदान की।

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