Politics

चिराग पासवान की पार्टी ने बिहार में लिया यू-टर्न, नीतीश पर पड़ेगा असर!

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

बिहार: पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार का सबसे बड़ा विरोधी चिराग पासवान थे। एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद, उन्होंने अपनी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), के साथ अलग चुनाव लड़ा था। इस चुनाव के परिणामस्वरूप, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे स्थान पर रही, और राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि चिराग के कारण जेडीयू को हर विधानसभा में काफी नुकसान हुआ।

लोजपा (रामविलास) का नया रुख

 

अब, 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में, चिराग पासवान की पार्टी ने अपने तेवर बदल दिए हैं। रविवार को पटना में आयोजित एक राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक में, लोजपा (रामविलास) ने घोषणा की कि वे 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के बैनर तले और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे।

राजनीतिक बदलाव का कारण

 

सवाल उठता है कि चिराग पासवान के तेवर क्यों बदले हैं। इसका उत्तर यह है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी की सीटों की संख्या कम हो गई है। इसके अलावा, यूपी में सपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से बीजेपी पिछड़ गई है। अब बीजेपी बिहार में एनडीए के भीतर किसी भी तरह की फूट को रोकने का प्रयास कर रही है, क्योंकि इसका सीधा लाभ तेजस्वी यादव और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को हो सकता है।

 

बैठक में पारित प्रस्ताव

 

लोजपा (रामविलास) की बैठक में पार्टी के राज्य संसदीय बोर्ड के प्रमुख हुलास पांडे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हमें अपने महान नेता दिवंगत रामविलास पासवान जी के अधूरे सपनों को पूरा करना है। हमारा लोकसभा चुनाव में ‘स्ट्राइक रेट’ सौ फीसदी है।”

 

उन्होंने आगे कहा, “हमारी पार्टी एनडीए के बैनर तले और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि गठबंधन को भारी बहुमत मिले।”

लोजपा (रामविलास) बिहार इकाई के अध्यक्ष राजू तिवारी ने भी कहा, “हम अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेंगे और यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि पार्टी उन सभी सीटों पर जीत हासिल करे जो राजग में सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत हमें आवंटित की जाएंगी।”

 

निष्कर्ष

 

इस बैठक में लोकसभा सांसद शांभवी चौधरी, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट, संजय पासवान और राम विनोद पासवान समेत कई अन्य नेता मौजूद थे। लोजपा (रामविलास) ने यह भी प्रस्ताव पारित किया कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का फैसला करते समय प्रतिबद्ध पार्टी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

 

इस प्रकार, चिराग पासवान की नई रणनीति बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है और आगामी चुनावों पर गहरा असर डाल सकती है।

Related Posts