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प्रशांत किशोर का सुझाव: बिहार की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए शराबबंदी हटाने का प्रस्ताव

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

**पटना**: जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक अनूठा सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में शिक्षा में वास्तविक बदलाव लाना है, तो इसके लिए 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी। यह राशि वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा शिक्षा पर खर्च किए जा रहे 50 हजार करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।

शिक्षा संवाद में विचार-विमर्श

 

प्रशांत किशोर ने यह बयान पटना स्थित ज्ञान भवन में आयोजित ‘शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम के दौरान दिया, जिसमें बिहार के विभिन्न शिक्षाविदों ने भाग लिया। इस संवाद का उद्देश्य बिहार की शिक्षा व्यवस्था के मुद्दों पर गहन चर्चा करना और संभावित समाधान खोजना था।

शराबबंदी हटाने का प्रस्ताव

 

किशोर ने इस पूंजी को जुटाने के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को हटाकर शराब पर लगने वाले टैक्स से मिलने वाले राजस्व को अगले 20 वर्षों तक सिक्योरिटाइज किया जा सकता है। इस राजस्व का उपयोग बजट में नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे बिहार में एक नई और सशक्त शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाएगा।

 

बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित

 

प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि शराब के टैक्स से आने वाला पैसा नेताओं की सुरक्षा, उनके हेलीकॉप्टर या फर्नीचर पर खर्च नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे केवल और केवल बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर कानून में प्रावधान किया जाए और जन सुराज के घोषणापत्र में यह स्पष्ट किया जाए कि यदि शराबबंदी हटाई जाती है, तो इसका पूरा राजस्व बिहार के बच्चों की पढ़ाई और राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने में खर्च किया जाएगा।

निष्कर्ष

 

प्रशांत किशोर का यह प्रस्ताव बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक नई दिशा दिखाता है। यदि इस पर अमल किया जाता है, तो यह राज्य के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस सुझाव पर विचार करती है और इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाती है।

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