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_गुजरात: छह वर्षीय बच्ची की हत्या के आरोप में प्रिंसिपल गिरफ्तार, मुंह दबाने से हो गई थी बेहोश_*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

गुजरात : दाहोद जिले में स्कूल प्रिंसिपल के द्वारा छह साल की छात्रा की हत्या करने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि 19 सितंबर को दाहोद के सिंगवाड तालुक के तोयनी गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए गई थी लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी. वहीं स्कूल परिसर में ही बच्ची का शव मिला था.

मृतक बच्ची तोयनी प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए गई थी लेकिन शाम तक घर नहीं लौटने पर बच्ची के माता-पिता और रिश्तेदारों द्वारा बच्ची की तलाश की गई. इस दौरान बच्ची बेहोशी की हालत में स्कूल परिसर में मिली थी.

इसपर बच्ची को इलाज के लिए सिंगवाड सरकारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन फिर वहां से आगे के इलाज के लिए लिमखेड़ा सरकारी अस्पताल भेज दिया गया. वहां मौजूद चिकित्सक में बच्ची को मृत घोषित कर दिया.

 

दम घुटने से हुई बच्ची की मौत: पुलिस ने इस मामले में जाइडस अस्पताल दाहोद में बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराया गया जिसमें चौंकाने वाली बातें सामने आईं. इसमें बताया गया कि किसी के द्वारा मुंह दबा दिए जाने के कारण लड़की की मौत हुई. इस संबंध में पुलिस ने रणधीकपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जांच की.

जांच के लिए बनी थीं 10 टीमें: मामले में डीएसपी राजदीप सिंह झाला ने तुरंत लिमखेड़ा सरकारी अस्पताल के साथ-साथ घटनास्थल का दौरा किया. बाद में अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की 10 अलग-अलग टीमें बनाई गईं. प्रत्येक टीम में पुलिस स्टेशन के बाल कल्याण अधिकारी के द्वारा अपराध की जड़ का पता लगाने के लिए कार्रवाई की गई. इसी क्रम में फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम, फोरेंसिक फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों की एक टीम के साथ-साथ डॉग स्क्वायड टीम को मौके पर बुलाया गया और गहन जांच की गई.

 

मृत लड़की को बेहोशी की हालत में प्रिंसिपल की कार में डाला गया: पुलिस की अलग-अलग टीमों द्वारा घटना स्थल स्कूल के साथ-साथ लड़की के गांव में भी जांच की गई. इस दौरान पुलिस के सामने यह बात सामने आई किमृत बच्ची को उसकी मां ने स्कूल के प्रिंसिपल के साथ गाड़ी में भेजा था. पुलिस ने गहन जांच की, साथ ही चतुराई से बच्ची की कक्षा के बच्चों से दोस्ती की और अन्य पुलिस टीमों के माध्यम से उनसे पूछताछ की. जांच के दौरान पता चला कि जिस बच्ची की जिस दिन मौत हुई वह उस दिन स्कूल नहीं आई थी. इसकी पुष्टि उनके क्लास टीचर ने भी की. साथ ही स्कूल के अलग-अलग स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 30 बच्चों से पूछताछ करने पर पता चला कि मृत बच्ची स्कूल की छुट्टी होने के बाद मिली थी. वहीं स्कूल के वक्त छात्रा का स्कूल बैग और चप्पल भी कक्षा के बाहर नहीं थे.

बच्चों ने मृत बच्ची को प्रिंसपिल की कार में सोते देखा था : इस दिशा में आगे की जांच के लिए स्कूल के आसपास रहने वाले शिक्षकों और छात्रों से पूछताछ करने पर पता चला कि स्कूल की छुट्टी के बाद 1 छात्र ने मृत लड़की को प्रिंसिपल की कार में सोते हुए देखा था. इस संबंध में आरोपी प्रिंसिपल गोविंद नट ने पुलिस को गुमराह किया. उनके मुताबिक, मैं बच्ची को अपनी कार में स्कूल लाया था. लेकिन फिर वह मेरी कार से बाहर निकली और कहीं चली गई, मुझे नहीं पता. उन्होंने कहा कि उसके बाद मैं अपना दैनिक काम करने लगा और स्कूल के बाद अपने घर चला गया. घर पहुंचने के बाद बच्ची की क्लास टीचर ने मुझे बच्ची के गायब होने की जानकारी दी.

 

पूछताछ में प्रिंसिपल ने घटना स्वीकारी : पुलिस आरोपी आचार्य गोविंद नट से सहमत नहीं हुई. तो पुलिस ने पता लगाया कि स्कूल पहुंचने में रोजाना लगने वाले समय से ज्यादा समय घटना वाले दिन कैसे लगा. साथ ही कॉल रिकॉर्ड के आधार पर जब प्रिंसिपल से गहनता से पूछताछ की गई प्रिंसिपल गोविंद नट टूट गए.

आरोपी ने पुलिस को बताया कि बच्ची को कार में बिठाने के बाद उसने उसके साथ छेड़छाड़ की तो बच्ची चिल्लाने लगी. इस पर बच्ची का मुंह दबाते समय वह बेहोश हो गई. जिसे कार की पिछली सीट पर बिठाकर स्कूल ले जाया गया. इतना ही नहीं बच्ची को कार में बंद करके रखा गया था. वहीं स्कूल से लौटते समय आरोपी प्रिंसिपल ने खुद ही बच्ची को स्कूल के कमरे और चहारदीवारी के बीच रख दिया और उसका स्कूल बैग और चप्पल उसकी कक्षा के बाहर छोड़ दिया.

गुजरात प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष जेनीबेन ठुम्मर ने छह साल की बच्ची के हत्या के मामले में बच्ची के परिवार को न्याय दिलाने के लिए दाहोद जिला कलेक्टर को एक पत्र सौंपा है. इसी क्रम में बाद में दाहोद जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस दौरान बीजेपी सरकार और हर्ष सांघवी पर जमकर हमला बोला गया।

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