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ओडिशा सरकार ने सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बनने वाले कर्मचारियों के लिए मैटरनिटी लीव की नई नीति की घोषणा की

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

ओडिशा :सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने वाले कर्मचारियों के लिए मैटरनिटी लीव देने के नए प्रावधानों की घोषणा की है। इस नई नीति के तहत, राज्य सरकार की महिला कर्मचारियों को 180 दिनों का मैटरनिटी लीव मिलेगा, जबकि पुरुष कर्मचारियों को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश मिलेगा। यह नीति केंद्र सरकार द्वारा पहले से लागू किए गए समान प्रावधानों को दर्शाती है।

मैटरनिटी लीव के लिए शर्तें

 

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, सरोगेसी के माध्यम से मां बनने वाली महिला राज्य कर्मचारी, जिन्हें ‘कमीशनिंग मदर्स’ कहा जाता है, 180 दिनों के मैटरनिटी लीव के लिए पात्र हैं। इस नीति का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें हैं:

– महिला कर्मचारी के पास दो से कम जीवित बच्चे होने चाहिए।

– वह सरोगेट मां बनती है।

– यह लीव बच्चे के जन्म के छह महीने के भीतर लिया जाना चाहिए।

पुरुष राज्य कर्मचारी, या ‘कमीशनिंग पिता’, जो सरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा करते हैं, वे 15 दिनों के पितृत्व अवकाश के लिए पात्र होंगे।

 

केंद्र सरकार की नीति का अनुसरण

 

यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा 18 जून, 2024 को जारी की गई अधिसूचना के अनुरूप है। नई नीति को व्यापक रूप से सराहा गया है क्योंकि यह परिवारों के निर्माण के विविध तरीकों, विशेष रूप से सरोगेसी के माध्यम से, को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कर्मचारी कल्याण विभाग की प्रतिक्रिया

 

ओडिशा के कर्मचारी कल्याण विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि मातृत्व और पितृत्व अवकाश नीतियों में सरोगेसी को शामिल करना माता-पिता बनने के विविध तरीकों के प्रति बढ़ती समझ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम सुनिश्चित करता है कि सभी माता-पिता, चाहे वे बच्चे पैदा करने के किसी भी तरीके से क्यों न हों, अपने बच्चे के जीवन के महत्वपूर्ण शुरुआती महीनों में साथ रहें।

 

इस नई नीति से सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को महत्वपूर्ण राहत मिलने की उम्मीद है।

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