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राष्ट्रीय लोक अदालत में 4808 वादों का निष्पादन, 8 करोड़ 42 लाख की वसूली

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड : कोडरमा जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. विधिवत उद्घाटन के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कोडरमा बाल कृष्ण तिवारी सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. प्रधान जिला जज बाल कृष्ण तिवारी ने कहा कि लोक अदालत शीघ्र, सस्ता, एवं सुलभ न्याय पाने का सशक्त माध्यम है. इसके माध्यम से जहाँ एक ओर लोगों के समय एवं पैंसो की बचत होती है, वहीं लोगों को त्वरित न्याय भी मिल पाता है.

उन्होंने सभी विभाग के पदाधिकारियों से अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन में सहयोग करने की अपील की. कोडरमा के जिला जज प्रथम गुलाम हैदर ने कहा कि लोक अदालत की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढती जा रही है. उन्होंने कहा कि वादों के निष्पादन के दृष्टिकोण से कोडरमा का ग्राफ काफी ऊँचा है. इसके लिए यहाँ के सभी न्यायिक पदाधिकारी बधाई के पात्र है. जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जगदीश सलूजा एवं सचिव मनीष कुमार सिंह ने प्राधिकार के सभी कार्यकर्मो में अपना भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया. अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौतम कुमार ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह ने किया. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल नौ बेंचो के माध्यम से कुल 4808 वादो का निष्पादन किया गया जिसमे लंबित वादों की संख्या 1424 तथा प्री-लिटिगेशन के 3384 मामले (बैंक ऋण व अन्य) शामिल है

जबकि विभिन्न विभागों से कुल 8 करोड़ 42 लाख 75 हजार 478 रुपये राजस्व की वसूली की गई. मौके पर, मुंसिफ मिथिलेश कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी शिवांगी प्रिया, ज्योत्सना पाण्डेय, नमिता मिंज, एल. डी. एम. निवास कुमार, स्टेट बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक वन विभाग, उत्पाद विभाग, विधुत विभाग के पदाधिकारी एवं विभिन्न बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी,

न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह, राजीव कुमार, अजीत कुमार, विकाश कुमार, रविन्द्र कुमार, अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, अनील कुमार सिंह, मनोज कुमार मिश्रा, महेश्वर कुमार, दीपक कुमार, राजेंद्र कुमार, मुंगालाल दास, कुमार संजय, प्रियंका कुमारी, रवि कुमार, अभिमन्यु कुमार, सहित भारी संख्या में अधिवक्ता न्यायालयकर्मी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि व पक्षकार गण मौजूद थे.

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